
भोपाल। संविदा शाला शिक्षक चयन परीक्षा को लेकर राज्य सरकार अब भी असमंजस में है। यह परीक्षा पिछले पांच सालों से लगातार टाली जा रही है। लेकिन अब परीक्षा कराने वाली एजेंसी को लेकर ही समस्या खड़ी हो गई है।
सामने आ रही जानकारी के अनुसार प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) अब परीक्षा कराने की स्थिति में नहीं है। इसका कारण इस साल उसके पास समय ही नहीं होना बताया जा रहा है। वहीं शिक्षा विभाग के अफसर चाहते हैं कि यह काम मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) को दे दिया जाए।
सूत्रों के अनुसार शिक्षा मंत्री विजय शाह इस प्रस्ताव पर राजी हैं, परंतु माशिमं ने ही इससे इंकार कर दिया है। वहीं दूसरी ओर मप्र ओपन बोर्ड ने परीक्षा का जिम्मा संभालने की इच्छा जाहिर की है, लेकिन बोर्ड को यह काम देने अफसर तैयार नहीं है। ऐसे में अप्रैल से जून के बीच प्रस्तावित परीक्षा को लेकर अब तक अंतिम निर्णय नहीं हो पा रहा है।
70 हजार से ज्यादा पद खाली...
MP में शिक्षकों के 70 हजार से ज्यादा पद खाली पड़े हुए हैं। जिसके चलते कैबिनेट ने इनमें से 31 हजार 658 पद भरने की मंजूरी भी दे दी है। खाली पदों को भरने की मशक्कत वैसे तो वर्ष 2013 से चल रही है, लेकिन कैबिनेट द्वारा दिए गए पद भी डेढ़ साल में नहीं भरे जा सके हैं। इसका कारण सरकार द्वारा परीक्षा की तारीख तय नहीं कर पाना बताया जाता है।
नहीं करा सका परीक्षा...
जानकारी के अनुसार पूर्व में पीईबी ने दो बार अनुमानित तारीख भी जारी की, लेकिन विभाग उन तारीखों में परीक्षा नहीं करा सका। इसका बड़ा कारण नौकरी के नाम पर अतिथि शिक्षक सहित बड़े वर्ग को साधना बताया जाता है। दरअसल, सरकार भर्ती की शर्तों में लगातार संशोधन कराती रही है।
अब जबकि भर्ती की शर्तें लगभग पूरी तरह से तय हो गईं और विभाग ने अप्रैल से जून के बीच परीक्षा कराने का लक्ष्य भी तय कर लिया है, तो ऐसे में परीक्षा एजेंसी को लेकर स्थिति साफ नहीं हो पा रही है।
माशिमं का इंकार...
सूत्रों का कहना है कि विभाग के मंत्री विजय शाह और अफसर तो चाहते हैं कि हर साल परीक्षा कराई जाए और जल्द सभी पद भरे जाएं। लेकिन,यह मुमकिन नहीं हो पा रहा है।
वहीं जो जानकारी बाहर आ रही है उसके मुताबिक माशिमं का इंकार होते ही मप्र ओपन बोर्ड परीक्षा कराने आगे आया है। दरअसल बोर्ड ने हाल ही में मॉडल स्कूल और उत्कृष्ट स्कूलों की चयन परीक्षा भी कराई और इसका रिजल्ट महीने भर में दे भी दिया। अब इसी आधार पर बोर्ड संविदा शिक्षकों की परीक्षा का काम भी लेना चाहता है। वहीं मंत्री भी इस प्रस्ताव से सहमत बताए जा रहे हैं।
कहा जा रहा है कि उन्होंने प्रस्ताव का अनुमोदन भी कर दिया है, लेकिन विभाग के आला अफसर ओपन बोर्ड की छवि को लेकर फैसला नहीं कर पा रहे हैं। मालूम हो कि फर्जी अंकसूची मामले में ओपन बोर्ड के अफसरों-कर्मचारियों के खिलाफ एसटीएफ ने कार्रवाई की थी। इससे पहले भी बोर्ड में कई गड़बड़ियां सामने आ चुकी हैं। हालांकि हाल ही में बोर्ड को सुशासन स्कूल ने अच्छे कार्य प्रबंधन के लिए पहला पुरस्कार दिया है। इसके बावजूद अधिकारी बोर्ड को ये जिम्मेदारी सौंपने में कतराते से दिखाई दे रहे हैं।
Published on:
26 Mar 2018 12:38 pm
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