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भोपाल

इतिहास के पन्नों से: शंकर दयाल ने आंदोलन से पूर्व पहना था पत्रकार का कुर्ता

एक बार शंकरदयाल शर्मा भोपाल आए तो…

भोपालNov 11, 2018 / 03:21 pm

दीपेश तिवारी

indian political history

इतिहास के पन्नों से: शंकर दयाल ने आंदोलन से पूर्व पहना था पत्रकार का कुर्ता

भोपाल। राजनीति में सक्रिय होने से पूर्व राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा लखनऊ यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर थे। उन दिनों भोपाल निवासी देवीशरण लखनऊ में पढ़ते थे। शर्मा और देवीशरण भोपाल से लखनऊ आया-जाया करते थे।

यह वो दौर था जब देश तो आजाद हो गया, पर भोपाल रियासत शामिल नहीं थी। युवाओं ने विलीनीकरण की मांग शुरू की। एक बार शंकरदयाल शर्मा भोपाल आए तो स्टेशन पर युवाओं ने बताया विलीनीकरण के लिए गिरफ्तारी देने जा रहे हैं, आपको भी साथ चलना चाहिए।
शर्मा तैयार हो गए, लेकिन उस दौर में आंदोलनकारियों का खादी पहनना जरूरी माना जाता था, पर शर्मा पेंट-शर्ट पहना करते थे। ऐसे में तय किया गया कि कुछ लोग घरों से खादी के कपड़े लाएं। जो भी कुर्ता उन्हें फिट बैठेगा, उसे पहनकर गिरफ्तारी देने साथ जाएंगे।
करीब आधा दर्जन कुर्ते लाए गए। इनमें से पत्रकार प्रेम श्रीवास्तव का कुर्ता और पायजामा शंकरदयाल शर्मा को फिट आया। इसे पहनकर वे पुराने पोस्ट ऑफिस पहुंचे और गिरफ्तारी दी।

लक्ष्मण रेखा:- बीएलओ करेंगे पर्ची का वितरण
अभी तक मतदाता पर्ची का वितरण पार्टी कार्यकर्ता करते थे। चुनाव आयोग ने इस पर भी सख्ती की है। इस बार बीएलओ पर्ची वितरण कर पावती प्राप्त करेगा।
दलों की ओर से पर्ची बंटवाने से विवाद की स्थिति बनती थी। यदि कोई व्यक्ति पर्ची वितरण करता है तो ये आचार संहिता का उल्लंघन होगा और कार्रवाई की जाएगी।

यहां करें शिकायत…
कलेक्टोरेट में कंट्रोल रूम बनाया गया है। 2742300, 2730395 नंबरों पर आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत कर सकते हैं। इसके अलावा पुलिस कंट्रोल रूम में भी शिकायत की जा सकती हैं। यहां से कलेक्टर कार्यालय ट्रांसफर हो जाती हैं।
पटियों पर चर्चा है…:-
रिपोर्ट से बल्ले-बल्ले- सोशल मीडिया पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की रिपोर्ट वायरल होने पर एक भाजपा नेता की खुशी का ठिकाना नहीं है। इसमें नेताजी के बारे में आठ शब्दों की सकारात्मक टिप्पणी की गई है, लेकिन उनके सरनेम की जगह दूसरा ‘सरनेम’ होने से वे कुछ कन्फ्यूज भी हैं।
ससुर-दामाद दौड़ में …

भोपाल की दो सीटों पर ससुर-दामाद दावेदार हैं। कांग्रेसियों में चर्चा है कि कहीं दोनों को टिकट मिल गया तो हमारा क्या होगा? ऐसे में कुछ कांग्रेसी दोनों के टिकट कटवाने पर उतारू हो रहे हैं। उनका मानना है कि पहले एक दौड़ में था और समय आते ही दूसरा भी दावेदार बन बैठा।

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