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मु श्किल में भाजपा की सरकार, इस रिपोर्ट ने किया चौंकाने वाला खुलासा, मचा हडकंप

locationभोपालPublished: Jan 28, 2018 02:38:54 pm

Submitted by:

shailendra tiwari

आईबी ने दिल्ली भेजी अपनी राजनीतिक रिपोर्ट में साफ कहा है कि शिवराज के चेहरे के बिना मध्यप्रदेश में जीत की संभावना नहीं,लेकिन हालात फिलहाल बुरे हैं

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भोपाल. इस साल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन उससे पहले आईबी ने केंद्र सरकार को भेजी अपनी राजनीतिक रिपोर्ट से सबको चौंका दिया है। रिपोर्ट ने साफ कहा है कि मध्यप्रदेश के भीतर भाजपा की स्थिति खराब है। जीत की संभावनाएं तो आज की तारीख में काफी दूर हैं, लोगों में सत्ता के प्रति नाराजगी है। हालांकि रिपोर्ट ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को काफी राहत दी है। रिपोर्ट ने साफ कहा है कि शिवराज के चेहरे के बिना मध्यप्रदेश में भाजपा अगर चुनाव में जाती है तो उसे सबसे ज्यादा नुकसान होगा। रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि मध्यप्रदेश में मोदी से ज्यादा प्रभावशाली चेहरा शिवराज का है।
गौरतलब है कि आईबी समय समय पर अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजती रहती है। इसमें सभी तरह की रिपोर्ट शामिल होती है। हाल ही में आईबी ने राजनीतिक रिपोर्ट भेजी है, जिसमें मध्यप्रदेश के भीतर सभी पार्टियों की स्थिति, सत्ता और संगठन का हाल भी भेजा है। प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी गई इस रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि आज के हालात में आगामी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी 70 सीटों पर ही सिमट सकती है।
सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में आईबी ने सरकार के चाल-चरित्र-चेहरे को लेकर काफी तीखी टिप्पणी की गई हैं। सरकार के भ्रष्ट कारनामों के साथ साथ जनप्रतिनिधियो के भ्रष्टाचार, जनता के साथ संवादहीनता, शासकीय योजनाओं का लाभ न दिला पाना, झूठी वाहवाही बटोरने जैसी टिप्पणी की गई हैं। जो सरकार के चरित्र को दर्शा रहा हैं। सरकार की चाल को लेकर अधिकारियों और कर्मचारियों से मनमानी पूर्ण रवैय्या, लालफीताशाही, समयबद्ध कार्य न होना, सरकारी योजनाओं में भी गड़बड़ी को लेकर टिप्पणी की गई हैं।
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कौन हैं वो सात अफसर
रिपोर्ट का कहना है कि उपरी स्तर पर सरकार का चेहरा बदलने की जरूरत है। इसमें मंत्रियों से लेकर सरकार के बड़े अफसर तक शामिल हैं। इस रिपोर्ट में सात अफसरों के बारे में कहा गया है। कहा गया है कि यह सात अफसर ही सत्ता का केंद्र हैं। हालांकि रिपोर्ट ने साफ कहा है कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ज्यादा है। यहां पर मोदी के नाम पर भाजपा को उतना फायदा नहीं होगा, जितना शिवराज के नाम पर होता है।
संगठन और सरकार से नाराज है कार्यकर्ता
रिपोर्ट ने एक बात पूरी तरह से कही है कि मध्यप्रदेश में भाजपा का कार्यकर्ता अपनी सरकार और संगठन दोनों से नाराज है। पार्टी के कार्यक्रमों से लेकर चुनाव तक में वह पूरी ताकत से नहीं जुट रहा है। कार्यकर्ता असंतुष्ट ही नहीं सरकार और संगठन से नाराज हैं। जिसके चलते सरकारी और संगठन के कार्यक्रम से कार्यकर्ता दूरी बना रहा हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी आपसी लड़ाई में उलझे हुए हैं। चुनिन्दा नेता और पदाधिकारी सरकार की मलाई जमकर खा रहे हैं। जिसके चलते आमजन के बीच पार्टी का पक्ष नहीं रखा जा रहा हैं।
बदला जाए संगठन का चेहरा

रिपोर्ट में कार्यकर्ताओं में उत्साह, संगठन के प्रति दायित्व का भाव जगाने की आवश्यकता जतलाई गई हैं। मध्यप्रदेश भाजपा के कार्यकर्ताओं के मूल चरित्र को वापस लाने की आवश्यकता जतलाई गई हैं जिससे भाजपा की चाल भी बदलेगी। संगठन का भी चेहरा बदले बिना कार्यकर्ता के चाल और चरित्र को नहीं बदला जा सकता इसलिए प्रदेशाध्यक्ष सहित पॉच पदाधिकारियों के ऐसे नाम भेजे गए हैं। जो विभिन्न स्तरों पर सरकार का जमकर दोहन कर रहे हैं।
लगातार हार के बाद मांगी गई रिपोर्ट
सूत्रों का दावा है कि अटेर, चित्रकूट विधानसभा उप चुनाव में हार के बाद राष्ट्रीय स्तर पर कारण जानने का प्रयास शुरू हो गया है। यही वजह है कि संगठन, सत्ता और आईबी, तीनों जगहों से अलग—अलग रिपोर्ट मांगी गई थी। सत्ता और संगठन ने भी अपने कारण दिए थे, लेकिन आईबी की रिपोर्ट ने इन दोनों को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। वैसे, मध्यप्रदेश में लगातार भाजपा की हार ने पार्टी को सकते में ला दिया है। यही वजह है कि प्रदेश अध्यक्ष बदलने की वकालत हो रही है। बड़े अफसरों के अभी हाल ही में विभाग बदले गए। माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में एक बार फिर से बड़ी प्रशासनिक सर्जरी हो सकती है।
पूरे मेकओवर की तैयारी
रिपोर्ट के बाद भाजपा के भीतर एक पूरे मेकओवर की तैयारी शुरू हो गई है। कहा जा रहा है कि सत्ता और संगठन में एक साथ मेकओवर किया जाएगा। कुछ मंत्रियों को परफोर्मेंस के नाम पर बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा, जबकि कुछ को जोड़ा जाएगा। कुछ अफसरों पर भी बड़ी कार्रवाई हो सकती है। उनके विभाग वापस लिए जा सकते हैं, जबकि कुछ अफसरों को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। सरकार खुद के मेकओवर की पूरी तैयारी कर रही है। संभव है कि इस मेकओवर की गाज मुख्यसचिव तक भी पहुंच जाए।
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