
इस बार सावन सोमवार में है कुछ खास, जाने व्रत विधि और क्या खास करें इस दिन
भोपाल। भगवान भोलेनाथ का प्रिय माह सावन ( Shravan Month 2019 ) इस बार 2019 में आज बुधवार यानि 17 जुलाई 2019 से शुरू हो गया है। भगवान शिव ( Lord Shiv ) को सनातन धर्म ( sanatan dharm ) में प्रमुख त्रिदेवों में से एक माना गया है। कहा जाता है कि इस दौरान सृष्टि का पूरा संचालन भगवान शिव के हाथों में रहता है।
हिंदू पंचांग ( Hindu Panchang ) के अनुसार यह पांचवा महीना है, जो अक्सर अंग्रेजी माह के जुलाई-अगस्त में पड़ता है। सावन के महीने ( shravan month ) में सोमवार के दिन देवों के देव महादेव ( Mahadev ) की पूजा अत्यधिक फलदायी मानी गई है, इसके पीछे कारण ये है कि सोमवार ( Shravan Somvar ) के कारक देव भगवान शिव ( lord shiv ) ही माने गए हैं।
सावन मास ( shravan month ) शिवजी को समर्पित है। कहते हैं यदि कोई भक्त सावन महीने में सच्चे मन और पूरी श्रद्धा के साथ महादेव ( lord shiv ) का व्रत धारण ( shravan somvar vrat ) करता है, उसे शिव का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होता है। विवाहित महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने और अविवाहित महिलाएं अच्छे वर के लिए भी सावन में शिव जी का व्रत रखती हैं।
दरअसल सनातन परंपरा में शिव की पूजा ( worship of shiv ) का बहुत महत्व है। भगवान शिव ( lord shiv ) कल्याण के देवता माने गए हैं। भगवान शिव को समर्पित सावन मास की शुरुआत 17 जुलाई से होने के बाद इस वर्ष 2019 में यह पावन मास 15 अगस्त 2019 तक रहेगा।
शिवः अभिषेक प्रियः...
शास्त्रों के अनुसार 'शिवः अभिषेक प्रियः' अर्थात् कल्याणकारी शिव को अभिषेक अत्यंत प्रिय है। वहीं सभी मनोकामनाओं को पूरा करने की शक्ति शिवलिंग ( shivling ) के समाहित होने के चलते इसका अभिषेक अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है।
सावन के सोमवार ( Sawan somvar ) में शिव पूजन का तुरंत मिलता है फल :
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार सावन के महीने में शिवलिंग ( shivling ) का पूजन-अभिषेक करने से सभी देवी-देवताओं के अभिषेक का फल उसी क्षण प्राप्त हो जाता है।
श्री-लिंग पुराण के अनुसार शिवलिंग ( shivling ) के मूल में ब्रह्मा, मध्य में तीनों लोकों के ईश्वर श्री विष्णु तथा ऊपरी भाग में प्रणव संज्ञक महादेव रूद्र सदाशिव विराजमान रहते हैं।
लिंग-की वेदी महादेवी अम्बिका हैं। वे (सत,रज,तम) तीनों गुणों से तथा त्रिदेव ( tridev ) से युक्त रहती हैं। यही कारण है कि शिवलिंग ( shivling ) की पूजा करने वाला साधक शिव-पार्वती की कृपा सहजता से प्राप्त कर लेता है।
2019 में सावन के सोमवार व्रत की तिथि : Sawan somvar date ...
सावन के महीने में सोमवार के दिन देवों के देव महादेव की पूजा का अत्यधिक महत्व है। इस बार सावन मास में कुल चार सोमवार पड़ेंगे...
बुधवार, 17 जुलाई : श्रावण मास का पहला दिन
सोमवार, 22 जुलाई : पहला सावन सोमवार व्रत
सोमवार, 29 जुलाई : दूसरा सावन सोमवार व्रत
सोमवार, 05 अगस्त : तीसरा सावन सोमवार व्रत
सोमवार, 12 अगस्त : चौथा सावन सोमवार व्रत
गुरुवार, 15 अगस्त श्रावण मास का अंतिम दिन
सावन सोमवार व्रत की विधि : shravan somvar puja vidhi in hindi ...
: प्रातः सूर्योदय से पहले जागें और शौच आदि से निवृत्त होकर स्नान करें।
: पूजा स्थल को स्वच्छ कर वेदी स्थापित करें।
: शिव मंदिर में जाकर भगवान शिवलिंग को दूध चढ़ाएं।
: फिर पूरी श्रद्धा के साथ महादेव के व्रत का संकल्प लें।
: दिन में दो बार (सुबह और सायं) भगवान शिव की प्रार्थना करें।
: पूजा के लिए तिल के तैल का दीया जलाएँ और भगवान शिव को पुष्प अर्पण करें।
: मंत्रोच्चार सहित शिव को सुपारी, पंच अमृत, नारियल एवं बेल की पत्तियाँ चढ़ाएं।
: व्रत के दौरान सावन व्रत कथा का पाठ अवश्य करें।
: पूजा समाप्त होते ही प्रसाद का वितरण करें।
: संध्याकाल में पूजा समाप्ति के बाद व्रत खोलें और सामान्य भोजन करें।
मंत्र ( Shiv Mantra ) : सावन के दौरान ' नम: शिवाय ओम् नमः शिवाय ' का जाप करें।
सावन सोमवार की खास बातें : sawan somvar special...
शनि देव को भगवान शिव का प्रिय शिष्य माना जाता है इसलिए सावन के सोमवार को व्रत रखने से भगवान शंकर के साथ-साथ शनिदेव भी अत्यंत प्रसन्न हो जाते हैं।
चूंकि भगवान शंकर अपने शीश पर चंद्रमा को विराजित किए रहते हैं। इसलिए सोमवार का दिन भगवान शिव के साथ-साथ चंद्रमा को भी समर्पित होता है।
इसी कारण सावन के सोमवार का व्रत करने से आपको ना केवल भगवान शंकर की कृपा मिलती है अपितु चंद्र देव की कृपा मिलने से आपकी कुंडली में उपस्थित चंद्र दोष भी समाप्त हो जाते हैं।
मान्यता के अनुसार यदि आपकी कुंडली में ग्रहण दोष या सर्प दोष है तो इस दौरान व्रत रखने से और भगवान शंकर की पूजा करने से ही सभी दोष समाप्त हो जाते हैं।
इसके अतिरिक्त विभिन्न प्रकार के दोषों से मुक्ति प्राप्त करने के लिए और पापों के शमन के लिए भी भगवान शंकर की पूजा सावन के महीने में करना अत्यंत लाभदायक होता है।
सावन सोमवार के दिन यदि नाग पंचमी का त्यौहार आए तो इसे अत्यंत ही शुभ संयोग माना जाता है और इस दिन नागों की पूजा भी की जाती है।
भगवान शिव को प्रिय है सावन मास : sawan month is of lord shiv...
धार्मिक आस्था और मान्यताओं में सावन के संदर्भ में अनेक कथाओं में से जो कथा सबसे ज्यादा प्रचलित है उसके अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को वर रूप में प्राप्त करने के लिए श्रावण मास में निराहार अत्यंत कठिन व्रत किया और उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शंकर ने उन्हें दर्शन देकर उनसे विवाह करने का वरदान दिया।
वहीं एक अन्य मान्यता के अनुसार इसी मास में भगवान शिव अपनी ससुराल गए थे, जहां उनका स्वागत जलाभिषेक द्वारा किया गया था। इसलिए मान्यता है कि पृथ्वी वासियों के लिए भगवान शिव की सहज कृपा पाने के लिए सावन सोमवार व्रत रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि सावन के महीने में भगवान शंकर स्वंय पृथ्वी पर आकर उन्हें आशीर्वाद देते हैं।
इसी सावन महीने में कांवड़ यात्रा का भी आयोजन किया जाता है जिसमें सभी शिव भक्त कांवड़िए बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं और विभिन्न नदियों से पवित्र जल लेकर भगवान शंकर को अर्पित करके अपनी मनोकामना को पूर्ण करने की प्रार्थना करते हैं।
Updated on:
20 Jul 2019 10:29 am
Published on:
17 Jul 2019 01:05 pm
बड़ी खबरें
View Allभोपाल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
