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साल 2025 में मानसून ने तोड़े ‘ताबड़तोड़’ रिकॉर्ड, इस जिले में हुई सबसे ज्यादा बारिश

Monsoon 2025 Year ender: इस साल मानसून ने मध्यप्रदेश में 16 जून को दस्तक दी थी। समय से एक दिन बाद मानसून प्रदेश में एंटर हुआ था।

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Monsoon 2025

Monsoon 2025 (Photo Source - Patrika)

Monsoon 2025: मध्यप्रदेश के भोपाल शहर में 30 सितंबर को मानसून ने अलविदा कह दिया था। इस बार शहर में बारिश की स्थिति सामान्य रही है। जिले में भले ही कोटे के मुकाबले अधिक बारिश हुई हो, लेकिन शहर में मानसूनी कोटे से लगभग 2 इंच कम बारिश हुई। ऐसे में शहर की बड़ी आबादी की प्यास बुझाने वाला केरवा डैम भी इस बार फुल टैंक लेवल तक नहीं पहुंच पाया है और 3 फीट खाली रह गया। कोलार डेम भी इस बार मुश्किल से फुल टैंक लेवल तक पहुंच पाये।

जानकारी के लिए बता दें कि इस साल मानसून ने मध्यप्रदेश में 16 जून को दस्तक दी थी। समय से एक दिन बाद मानसून प्रदेश में एंटर हुआ था। मौसम काल में मध्य प्रदेश में लगभग 1024 mm बारिश हुई, जो कि सामान्य अनुमान (औसत) से लगभग 76% अधिक थी। इस दौरान कई डैमों के गेट खोलने पड़े थे।

बैरागढ़ में कम, अरेरा हिल्स में ज्यादा

इस बार शहर में मानसून आगमन के बाद जून और जुलाई माह में अच्छी बारिश हुई थी, लेकिन अगस्त और सितंबर में कम बारिश हुई। पिछले 122 दिनों में शहर में राजगढ़ में 1022.2 मिमी बारिश हुई थी। हांलाकि अरेरा हिल्स में 1200 मिमी से अधिक बारिश हुई है। लेकिन शहर का कोटा बैरागढ़ में हुई बारिश के आधार पर भी है। इस लिहाज से इस साल सामान्य से 2 इंच कम बारिश इस बार सीजन में हुई है।

शहर के जलस्रोतों की स्थिति

करवा फुल टैंकः 1673 फीट
वर्तमान: 1670.30 फीट

बड़ा तालाब फुल टैंकः 1666.80 फीट
वर्तमान: 1666.80 फीट

कोलार फुल टैंक: 462.20 मीटर
वर्तमान: 462.17 मीटर

इंदौर में 2 इंच ज्यादा बारिश

इंदौर शहर में भी 30 सितंबर को मानसून सीजन पूरा हो गया था। इस साल 1 जून से 30 सितंबर तक जिले में 36.5 इंच बारिश हुई है, जो औसत बारिश 37.5 इंच से 1 इंच कम रही। पिछले साल हुई 33.5 इंच बारिश से 3 इंच अधिक रही। इंदौर शहर में इस सीजन में 38.3 इंच बारिश हुई जो पिछले वर्ष हुई 36.4 इंच बारिश से 2 इंच अधिक रही। मौसम विभाग इसी अवधि तक हुई बारिश को अपने मानसून रिकॉर्ड में दर्ज करता है।

ग्वालियर में 112% ज्यादा बारिश

ग्वालियर शहर में बारिश का सिलसिला अक्टूबर महीने तक जारी रहा। मौसम विभाग के मुताबिक अक्टूबर में सामान्य से 112 फीसदी ज्यादा बारिश हुई थी। शहर में बंगाल की खाड़ी में लगातार बन रहे कम दबाव के क्षेत्र के कारण बारिश यहां पर लेट तक हुई। इस दौरान बारिश ने बीते 20 सालों का रिकॉर्ड भी तोड़ा। वहीं दूसरी ओर बारिश से रबी की फसल के लिए पलेवा हो गया , जो सरसों और चना की बोवनी के लिए अच्छा था लेकिन धान की फसल को इससे नुकसान भी पहुंचा।

मानसूनी बारिश का 'खाता' 46.7 इंच पर हुआ बंद

एमपी के जबलपुर शहर में भी मानसूनी बारिश का सीजन 30 सितंबर को समाप्त हो गया। इस बार बारिश का खाता 46.7 इंच पर बंद हुआ है। यह बीते साल से 11 इंच और कुल बारिश के आंकड़े से चार इंच कम है।

गुना में सबसे ज्यादा, खरगोन में सबसे कम

इस बार 30 सितंबर तक गुना में सबसे ज्यादा 65.4 इंच पानी गिरा। रायसेन में 61.1 इंच, मंडला में 60 इंच, श्योपुर में 56.6 इंच और अशोकनगर में 56 इंच बारिश हो चुकी है। वहीं, सबसे कम 27.3 इंच बारिश खरगोन में हुई। शाजापुर में 28.7 इंच, खंडवा में 29.1 इंच, बड़वानी में 30.9 इंच और धार में 32.8 इंच पानी गिरा।