
SIMI militant Abu Faizal
भोपाल। खंडवा में युवा मोर्चा के दो नेताओं की हत्या के प्रयास के मामले में सिमी के सरगना अबू फैजल, अब्दुल्ला उर्फ अल्ताफ हुसैन और रकीब को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। विशेष अदालत के न्यायाधीश गिरीश दीक्षित ने मंगलवार को यह फैसला सुनाया।
उन्होंने तीनों दोषियों पर दो-दो हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है। अबू फैजल और उसके साथियों की वीडियो कॉन्फे्रंसिंग के जरिए पेशी हुई। न्यायाधीश ने तीनों के बारी-बारी से नाम पूछे और सजा सुनाई। फैसले के वक्त तीनों के चेहरे पर शिकन तक नहीं थे। वे बोले, ठीक है, ठीक है। हालांकि कोर्ट ने तीनों दोषियों को देशद्रोह के आरोप से दोषमुक्त कर दिया।
दो काउंट में मिली सजा
मामले में चार अन्य सह आरोपी सिमी के अकील खिलजी, जाकिर उर्फ सादिक, अमजद और मेहबूब उर्फ गुड्डू की जेल ब्रेक के बाद एनकांउटर में मौत हो चुकी है। मामले में विशेष लोक अभियोजक और जिला अभियोजन अधिकारी राजेन्द्र उपाध्याय ने पैरवी की। अदालत ने फरियादी भाजपा नेता प्र्रमोद तिवारी की हत्या के प्रयास के मामले में 10 साल की कैद की सजा सुनाई है। वहीं, आहत राजू दुबे की हत्या के प्रयास में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
इसलिए किया हत्या का प्रयास
अबू फैजल और उसके साथियों ने दो जनवरी 2009 की रात साढ़े नौ बजे खंडवा के गणेश तलाई गणेश मंदिर के सामने भाजपा नेता राजू दुबे, प्रमोद तिवारी पर घात लगाकर हमला किया था। दोनों गणेश मंदिर दर्शन करने आए थे। राजू दुबे को पसली में गोली लगी थी। आतंकी फायर कर घटनास्थल से भाग गए थे। विवेचना के दौरान गिरफ्त में आने पर सिमी आतंकियों ने मेमोरेंडम में कबूला था कि घटना के एक दिन पहले हत्या की साजिश रची थी। भाजपा नेता कार्यकर्ताओं के साथ जलसों के दौरान धर्मस्थल के सामने अकसर ढोल बजवाते थे। इसी को लेकर दोनों की हत्या की साजिश रची थी।
अबू फैजल को पहले भी हुई उम्रकैद
केंद्रीय जेल में बंद अबू फैजल को यह दूसरे मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इसके पूर्व एटीएस के सिपाही सीताराम की हत्या और देशद्र्रोह के आरोप में अबू फैजल को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
Published on:
30 Aug 2017 07:46 am
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