डाक विभाग का मानना है कि इन लिफाफों को खोलने से पहले ही देखने पर ही समझ में आ जाता है कि उनकी प्यारी बहना ने उनके लिए राखी भेजी है। कहना ना होगा कि ई-मेल, सोशल मीडिया के जमाने में भी डाक विभाग बहनों का सहयोगी बना हुआ है। राखियों के साथ शुद्घ गंगाजल भी भिजवाने की व्यवस्था की गई है।
दरअसल, डाक विभाग वैसे तो कई सालों से रक्षाबंधन पर्व पर राखियां भेजता रहा है, लेकिन इस बार आकर्षक लिफाफे तैयार करवाए हैं, जिनकी कीमत 12 रुपए रखी गई है। इसका वजन 4 से 5 ग्राम तक होता है। इसके बाद राखी के वजन के हिसाब से चार्ज लिया जाता है जिस पर अधिकतम 22 से 35 रुपए तक का खर्च आता है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उनके विभाग का उद्देश्य राखियां भेजकर मुनाफा कमाना नहीं बल्कि भाइयों को बहनों द्वारा भेजे गए प्यार की खुशियां देना है।
बुक हो रही हैं राखियां
43 प्रधान डाकघरों में
970 उप डाकघरों में
7264 शाखा डाकघरों में दूरी के हिसाब से भेजे जाते हैं लिफाफे
अक्सर रक्षाबंधन के बाद राखियां पहुंचती है। ऐसे में डाक विभाग ने व्यवस्था की है कि रक्षाबंधन तक किसी भी हालत में बुकिंग की गई राखियों की डिलीवरी हो। इसके लिए अवकाश के दिनों में काउंटर खोलकर बुकिंग हो रही है। लंबी दूरी की राखियों के लिफाफों को त्वरित भेजा जा रहा है। इसके लिए कर्मचारी और वाहन लगाए गए हैं।
43 प्रधान डाकघरों में
970 उप डाकघरों में
7264 शाखा डाकघरों में दूरी के हिसाब से भेजे जाते हैं लिफाफे
अक्सर रक्षाबंधन के बाद राखियां पहुंचती है। ऐसे में डाक विभाग ने व्यवस्था की है कि रक्षाबंधन तक किसी भी हालत में बुकिंग की गई राखियों की डिलीवरी हो। इसके लिए अवकाश के दिनों में काउंटर खोलकर बुकिंग हो रही है। लंबी दूरी की राखियों के लिफाफों को त्वरित भेजा जा रहा है। इसके लिए कर्मचारी और वाहन लगाए गए हैं।
विभाग में कर्मचारियों की अलग से ड्यूटी लगाई गई है, ताकि रक्षाबंधन पर्व के पहले राखियां मिल सकें।
चंद्रेश जैन, सहायक निदेशक, व्यवसाय एवं विकास, डाकघर
चंद्रेश जैन, सहायक निदेशक, व्यवसाय एवं विकास, डाकघर