यह भी पढ़ें- Breaking – महाकाल के बाद इंदौर के खजराना मंदिर में भी भड़की आग, केमिकल के गुलाल से हुआ हादसा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में आने वाले बच्चों के कोचिंग संस्थान डमी प्रवेश कराते हैं। स्कूलों में कार्रवाई के दौरान ऐसे मामले सामने आए तो विभाग सख्त हो गया। राजधानी के एक स्कूल की तो मान्यता ही समाप्त कर दी गई। इसके बाद स्कूलों में खलबली मच गई है।
राज्यभर में बड़ी संख्या में स्कूलों में डमी प्रवेश दिए जाते हैं। इसका कारण 10वीं कक्षा के बाद बच्चों का प्रतियोगी परीक्षा में जुट जाना है। राजधानी भोपाल में ही नीट, जेईई मेंस जैसे एग्जाम की तैयारी करने वाले कई छात्र स्कूलों में डमी प्रवेश लेते हैं। इसके बदले में स्कूलों को मोटी फीस भी दी जाती है।
यह भी पढ़ें- एमपी के पूर्व मुख्य सचिव के घर ईडी के छापे की खबर, इकबाल सिंह ने बताया अफवाह डमी प्रवेश लेनेवाले ये छात्र इन स्कूलों कक्षाओं में उपस्थित नहीं होते हैं वे सिर्फ मुख्य परीक्षा देने ही जाते हैं। ऐसे में इन्हें बिना स्कूल जाए ही 12वीं पास की अंकसूची मिल जाती है। यह सब कोचिंग संस्था एवं स्कूल संचालकों की सांठगांठ से होता है। प्रदेशभर से आने वाले बच्चों को कोचिंग की डमी प्रवेश वाली स्कूलों में एडमिशन दिया जाता है।
स्कूलों को इसमें कमीशन मिलता है। पूरे साल फर्जी हाजिरी लगाकर परीक्षा में बैठाया जाता है। मध्यप्रदेश निजी स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अजीत सिंह के अनुसार स्कूलों में डमी प्रवेश की सख्ती से जांच होना चाहिए। हम लोगों ने पिछले साल स्कूलों की जांच के लिए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था। कोचिंग संस्थानों की सांठगांठ से यह सारा खेल चलता है।