उल्लेखनीय है कि एमपी मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन की आपत्ति के बाद पिछले साल ब्रिज के डिजाइन में बदलाव किया गया था। प्रभात चौक साइट पर ब्रिज सड़क के बीचों-बीच उतारा गया है और ऐसी ही लैंडिंग मैदा मिल साइट पर मार्ग के बीच बननी थी। मेट्रो कार्पोरेशन की आपत्ति के बाद ये लैंडिंग सड़क के दूसरी तरफ किनारे में बनानी पड़ी। इससे वाहनों को मेन रोड से आने जाने में कनेक्टिविटी देने की दिक्कत आ रही थी।
सात हजार पीसीयू रहेगी क्षमता ब्रिज की चौड़ाई चेतक ब्रिज की तर्ज पर 12 मीटर रखी गई है और यहां प्रतिघंटा सात हजार पैसेंजर वाहनों के गुजरने की क्षमता विकसित की जाएगी। इस इलाके में फिलहाल पुल बोगदा और सुभाष फाटक के जरिए वाहनों को प्रभात चौक और रायसेन रोड से कनेक्टिविटी मिलती है। इन्हें नए रेलवे ओवर ब्रिज से सीधे प्रभात चौराहे तक डायवर्ट किया जाएगा। फिलहाल फाटक और बोगदा पुल मिलाकर पैसेंजर कार यूनिट केपिसिटी प्रति घंटा सिर्फ 5 हजार आंकी गई है।
आरओबी का एक रूट बनकर तैयार है। दूसरे रूट पर गर्डर रखे जाने हैं। इसके लिए रेलवे ने अगले सप्ताह का समय मांगा है। हमारी कोशिश है कि जल्द से जल्द काम पूरा हो जाए ताकि यहां से यातायात शुरू शुरू हो सके।
– एमपी ङ्क्षसह, ईई, पीडब्ल्यूडी