
अपराधी बनकर जिंदगी गुजारने वाले हिस्ट्रीशीटर अब चुन रहे शांति की राह
भोपाल। हिस्ट्रीशीटर बदमाश जवानी भर अपराध की राह पर चलते रहे। थानों में एक के बाद एक मुकदमे दर्ज हुए। लोग इनसे डरते रहे। जिंदगी आखिरी दहलीज पर लाई, तब पता चला हाथ तो अभी भी खाली हैं। जैसा कमाया वैसा ही खर्च हो गया, अब आगे जिंदगी की गुजर बसर कैसे हो? पुलिसिया कार्रवाई से इनका खौफ खत्म हो गया। रोजी-रोटी के लाले पड़ गए।
ऐसे में हिस्ट्रीशीटर बदमाश अब पुलिस की शरण में पहुंच रहे हैं। समाज की मुख्यधारा से जुडकऱ शांति की राह पर चलने को तैयार शहर के 300 हिस्ट्रीशीटर बदमाश डीआईजी धर्मेद्र चौधरी की पहल पर शहर के अलग-अलग थानों में हुए सम्मेलन में जुटे। अधिकारियों ने इनसे बात की।
इसके बाद तय किया कि जुलाई के अंत तक चार जोन के एएसपी अपने-अपने जोन के हिस्ट्रीशीटरों पर निगरानी रखकर एक समीक्षा रिपोर्ट तैयार करेंगे। इसमें खरा उतरने पर पहले निगरानी माफी दी जाएगी। दूसरे चरण में इनके रोजगार की व्यवस्था होगी।
पूरा परिवार हो गया बर्बाद
45 साल से हिस्ट्रीशीटर ने बताया कि उसके किए गए अपराधों का असर उसके चार बेटों पर पड़ा। दो अपराध की राह पर चले गए और दो ने पढ़ाई के प्रयास किए तो स्कूल में उनसे कोई दोस्ती ही नहीं करता था।
बच्चे अंदर ही अंदर परेशान होते रहे। टीचर भी ज्यादा कुछ नहीं कहते थे। नतीजा ये रहा कि बच्चे पढ़ाई में कमजोर रहे। वे चाहकर भी पढ़ नहीं सके। आज वे मैेकेनिक बनकर गाडिय़ां सुधार रहे हैं। अपराध की राह पर चल रहे दो बेटों में से एक जेल में है।
कसम पूरी करने वालों को अधिक मौका
ऐसे हिस्ट्रीशीटर भी हैं, जिन्होंने सालों पहले पुलिस के सामने अपराध नहीं करने की कसम खाई थी। इसके बाद इन्होंने अपराध भी नहीं किया। ऐसे हिस्ट्रीशीटर्स को निगरानी माफी के लिए अधिक ज²ोजहद नहीं करनी होगी। वहीं जो हिस्ट्रीशीटर अब भी सक्रिय हैं।
यदि वे अपराध की दुनिया से अलग शांति की राह चुनने चाहते हैं तो पुलिस उन्हें भी अवसर देगी। इसके अलावा दुश्मन इनकी झूठी शिकायत कर फायदा नहीं उठा सकेंगे। पुलिस पर इनका भरोसा बढ़ेगा। अमूमन अब तक यह होता रहा कि हिस्ट्रीशीटर होने की वजह से इनकी सुनी नहीं जाती थी। समाज में भी इन्हें इसी नजरिया से देखा जाता था।
फैक्ट फाइल
- शहर में 40 थाना
- 435 सक्रिय बदमाश
टॉप-5 थाने, जिनमें सबसे अधिक सक्रिय बदमाश
थाना सक्रिय बदमाश
1.ऐशबाग 40
2. कमला नगर 37
3. जहांगीराबाद 30
4. बैरागढ़ 29
5. तलैया-छोला 24-24
जो हिस्ट्रीशीटर बदमाश सुधरना चाहते हैं, उनको पुलिस मौका देगी। अभी ये निगरानी में हैं। चार जोन से समीक्षा आने के बाद निगरानी माफी में लाया जाएगा।
धर्मेंद्र चौधरी, डीआईजी भोपाल
Published on:
22 Jul 2018 08:05 am
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