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ऑनलाइन ठगीः इन तरीकों से बापस पाएं रुपये

अगर आपके साथ साइबर ठगी हो गई है और आपके खाते या ई-वॉलेट, यूपीआई से रुपये चोरी हो गए हैं तो इन तरीकों से चोरी गई रकम बापस पाई जा सकती है।

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भोपाल. देश में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन बढ़ने के साथ ही साइबर अपराधों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। अब ज्यादातर लोग ई वॉलेट, इंटरनेट बैंकिंग, यूपीआई का उपयोग करने लगे है। जिससे साइबर ठगों के लिए किसी के भी साथ ठगी करना आसान हो गया है।

हालांकि ज्यादातर मामलों में वह व्यक्ति ही ऑनलाइन ठगी का शिकार बनते हैं जो साइबर अपराधियों के द्वारा दिए लालच में फंस जाते हैं या अनजाने में उनके झांस में आ जाता है। उसके बाद कुछ ही पलों में बैंक खातों या ई-वॉलेट से रुपये निकल जाते हैं।

आज हम आपको बताने जा रहे हैं साइबर ठगी के बाद यदि आप इन दो तरीकों को अपनाते हैं तो आपकी चोरी हुई रकम बापस आ सकती है। इसके लिए आपको सिर्फ इतना करना है कि आपके खाते- वॉलेट से रुपये निकलने का मेसेज आते ही भारत सरकार की बेवसाइट पर सूचना देना है। देश में साइबर पुलिस की वेबसाइट www.cybercrime.gov.in है जिसपर शिकायत करने पर तुरंत आपके ट्रांजिक्सन को मोनिटर किया जाता है। दूसरा तरीका साइबर पुलिस की राष्ट्रीय स्तर पर संचालित हेल्पलाइन 155260 पर कॉल करके सूचना देना। बेवसाइट और हेल्पलाइन पर जिनतनी जल्दी हो सके शिकायत कर देने से आपकी रकम लौटने की संभावना बढ़ जाती है।

साइबर अपराधियों के निशाने पर हमेशा लालची या एसे लोग होते हैं जो अनजाने में किसी भी लिंक को क्लिक कर दें। हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी अनजान व्यक्ति द्वारा दिए जाने वाले लालच में नहीं आए। किसी भी लिंक को क्‍लिक न करें। इन सावधानियों के बाद भी अगर आपके साथ ठगी हो जाती है तो साइबर पुलिस को सूचित करें।

ये है शिकायत की प्रक्रिया
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से वेबसाइट www.cybercrime.gov.in बनाई गई है जिससे राष्ट्रीय स्तर पर साइबर ठगी के मामलों की शिकायत दर्ज कर कार्यवाही की जा सके। यह इंडियन साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल सेंटर है। इसी में सिटीजन साइबर शिकायत के लिए व्यवस्था की गई है। इस पोर्टल पर साइबर एक्सपर्ट, बैंक और ई-वॉलेट से जुड़ी कंपनियों के अधिकारी जुड़े रहते है। जब किसी व्यक्ति के साथ ठगी होती है तो शिकायत मिलते ही खाते से राशि निकालने के बाद उसे ट्रेक किया जाता है। उसका जहां- जहां ट्रांजेक्शन किया गया है, वहां भुगतान को रोकने की व्यवस्था की जाती है और आखिरकार लोगों की जमापूंजी बापस मिल जाती है। अगर ठगी के बाद शिकायत करने में देर हुई तो साइबर अपराधी कुछ ही देर में राशि को खर्च कर देते हैं।

सूचना देने में ना हो देरी
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, मध्य प्रदेश राज्य साइबर सेल, योगेश चौधरी ने बताया कि विभिन माध्यमों से लोगों को साइबर आपराधों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। पोर्टल पर शिकायत और हेल्पलाइन पर जानकारी, यह दो ऐसे तरीके हैं, जिनसे राशि बचाई जा सकती है । इसमें समय का बहुत महत्व है । जितनी जल्दी लोग यह सूचना देंगे, उनकी राशि बचाने में कार्रवाई की जा सकेगी।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ट्वीट (RBI Tweet) किया है कि..

"यदि अनाधिकृत इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन से आपका नुक़सान हुआ हो, तो आपकी देयता सीमित हो सकती है, बल्कि शून्य भी हो सकती है, अगर आप अपने बैंक को तुरन्त सूचित करते हैं।" यानि अगर आपके बैंक खाते से गैर कानूनी तरीके से पैसा निकाला गया है या ट्रांजेक्शन हुआ है तो उसकी सूचना तुरंत अपने बैंक में कर देने से आपके पैसे वापस मिल सकते हैं। मतलब देर करने में नुक्सान है।