जानकारी के लिए बता दें कि बीते साल शिक्षा के अधिकार कानून (आरटीई) में केंद्र सरकार ने संशोधन किया था। इसके तहत राज्यों को यह अधिकार दिया गया था कि वह पांचवी एवं आठवीं कक्षा की परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर आयोजित कर सकते हैं। वहीं बात अगर मध्यप्रदेश की करें तो यहां पर उस समय तत्कालीन सरकार ने भी ये निर्णय लिया था कि अगले सत्र से पांचवी व आठवीं की परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर ली जाएगी।
तत्कालीन स्कूल शिक्षा मंत्री डॉक्टर प्रभुराम चौधरी ने इस बारे में निर्देश भी जारी कर दिए थे। इसमें यह प्रावधान किया गया था कि पांचवी एवं आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को फेल भी किया जा सकता है लेकिन साल 2020 में मार्च अंत से कोरोना संक्रमण के चलते लगे लॉकडाउन के कारण न तो अभी तक स्कूल खुल सके हैं न ही किसी भी प्रकार की परीक्षाओं को अभी कराया जा रहा है।