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तीन तरह के वायरस हुए सक्रिय, तीनों के अलग-अलग लक्षण कर रहे लोगों को परेशान

गिरते तापमान के साथ धूल भी बन रही लोगों के लिए परेशानी, इससे बढ रही श्वांस संबंधी बीमारियां

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भोपाल

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Sunil Mishra

Dec 25, 2022

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भोपाल. वर्तमान में लोगों को तीन तरह का वायरल परेशान कर रहा है। भोपाल के दो बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया व जेपी में वायरल के मरीजों की संख्या 25 फीसदी तक बढ़ गई है। लगातार तापमान में हो रहे बदलाव के कारण दोनों अस्पताल में वायरल के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। तीन तरह के लक्षण के पीछे तीन तरह के वायरस का एक्टिव होना है। इसके चलते मरीजों में वायरल के अलग अलग लक्षण मिल रहे हैं।

तापमान के साथ धूल कर रही शहरवासी परेशान

डॉक्टरों के अनुसार मौसम में लगातार बदलाव के साथ धूल शहरवासियों को परेशान कर रही है। इसके साथ ही लापरवाही भी बीमार होने की एक बड़ी वजह है। ऐसे में शरीर खुद को मौसम के अनुरूप ढल नहीं पाता। वहीं शहर में जगह-जगह धूल है जिससे गले और सांस नली में संक्रमण हो रहा है। साथ ही वायरल से प्रभावित लोगों के मास्क न लगाने से अन्य लोगों में भी यह बीमारी फैल रही है। गांधी मेडिकल कॉलेज के श्वास रोग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ पराग शर्मा ने बताया इन दिनों शहर में सीजनल फ्लू, रेस्पिरेटरी सिंसेशियल वायरस (आरएसवी) और कोविड वायरस सक्रिय हैं। सीजनल फ्लू 7 से 10 फीसदी तक ही बढ़ता है, लेकिन इस साल यह 23 फीसदी पहुंच गया है। इसमें सामान्य रूप से बुखार आता है। वहीं आरएसवी में गले में दर्द, सूजन, कफ की समस्या ज्यादा होती है।

नसों पर पड़ रहा प्रभाव

डॉ. शर्मा बताते हैं कि ओपीडी में ऐसे मरीज आ रहे हैं जिन्हें बुखार नहीं है। मगर गले में दर्द व खांसी है। आरएसवी वायरस के चलते मरीजों को ब्रोंकाइटिस हो रहा है। इसमें गले की नसें सिकुड़ जाती है। सही इलाज न मिलने से आगे चलकर यही समस्या अस्थमा में बदल जाती है।

यह हैं लक्षण

-गले में खराश

-तेजी सर्दी, जुकाम, बुखार

-जोड़ों में दर्द

-गले में कांटे जैसा अहसास

-बदन व पेट दर्द।

सावधानी

-सर्दी या जुकाम होते ही मास्क लगाएं

-शरीर में दर्द व जुकाम होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें

-खुद से दवाइयां न लें, यह समास्या को बिगाड़ सकता है

वर्जन

वायरल मरीजों की संख्या बढ़ रही है। हर परिवार में एक न एक व्यक्ति वायरल से पीड्ति है। ऐसे मौसम में कोविड होगा तो ज्यादा परेशानी होगी। अब लोगों ने मास्क लगाना बंद कर दिया है। जबकि मरीजों को शुरूआत से मास्क लगाना चाहिए।

-डॉ. लोकेंद्र दवे, एचओडी, रेस्पिरेटरी पल्मोनरी मेडिसिन डिपार्टमेंट गांधी मेडिकल कॉलेज