पत्नी ने कोर्ट से की पति के साथ 15-20 दिन रहने की गुजारिश ताकि वो मां बन सके...
करवाचौथ पर एक तरफ जहां हर सुहागन अपने सुहाग की लंबी उम्र के लिए व्रत रखे हुए थी वहीं दूसरी तरफ जबलपुर में एक महिला कोर्ट का दरवाजा खटखटा रही थी। महिला ने जेल में बंद अपने पति के साथ 15-20 दिन गुजारने की हाईकोर्ट से अनुमति मांगी है। महिला ने कोर्ट में याचिका दायर कर बताया है कि वो मां बनना चाहती है और उसका पति इंदौर जेल में बंद है। हाईकोर्ट ने महिला का मेडिकल परीक्षण कर यह पता लगाने के आदेश दिए हैं कि वह गर्भधारण कर सकती है या नहीं।
कोर्ट से मांगी 'सुहागरात' की इजाजत
महिला का पति इंदौर जेल में बंद है। उसने वकील के जरिए कोर्ट को बताया कि वो मां बनना चाहती है इसलिए महिला ने वैवाहिक अधिकारों का दावा करते हुए उचित निर्देश देने की मांग की है। महिला ने मां बनने के लिए 15-20 दिन पति के साथ रहने की अनुमति मांगी है। महिला ने याचिका के समर्थन में, नंदलाल (थ्रू हिज वाइफ रेखा) वर्सस स्टेट ऑफ राजस्थान के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश का भी हवाला दिया है जिसमें एक खंडपीठ ने संतान प्राप्ति के लिए आजीवन कारावास की सजा प्राप्त कैदी को 15 दिन की पैरोल दी थी।
सरकारी वकील ने किया विरोध
वहीं कोर्ट में राज्य सरकार के वकील ने महिला की याचिका का विरोध करते हुए बताया कि हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने महिला के पति की अस्थाई जमानत याचिका खारिज कर दी थी। याचिकाकर्ता-महिला ने रजोनिवृत्ति की आयु पार कर ली है और इसलिए, उसके गर्भधारण करने की कोई संभावना नहीं है। जिसके बाद कोर्ट ने महिला को डीन, नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज, जबलपुर के सामने 7 नवंबर 2023 को पेश होने का निर्देश दिया है। साथ कॉलेज के डीन को पांच डॉक्टरों की एक टीम गठित करने का निर्देश दिया गया है, जिसमें तीन स्त्री रोग विशेषज्ञ, एक मनोचिकित्सक और दूसरा एंडोक्रिनोलॉजिस्ट है, जो याचिकाकर्ता महिला की जांच करेगी और यह पता लगाएगी कि क्या वह गर्भधारण कर सकती है ।
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