यूपी सरकार पर एनजीटी की सख्ती

सिंगरौली Ð नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में सिंगरौली परिक्षेत्र में व्याप्त भीषण प्रदूषण को लेकर दाखिल याचिका पर एनजीटी ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है।  मुख्य सचिव उप्र एवं कलेक्टर सोनभद्र की ओर से पांच बार समय मांगे जाने के बाद भी अपना जवाब न दाखिल करने पर जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली खंडपीठ […]

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Dec 26, 2015

सिंगरौली Ð
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में सिंगरौली परिक्षेत्र में व्याप्त भीषण प्रदूषण को लेकर दाखिल याचिका पर एनजीटी ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। मुख्य सचिव उप्र एवं कलेक्टर सोनभद्र की ओर से पांच बार समय मांगे जाने के बाद भी अपना जवाब न दाखिल करने पर जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने बुधवार को पारित अपने आदेश में कहा,14 दिन के भीतर मुख्य सचिव और कलेक्टर सोनभद्र की ओर से शपथ दाखिल कर उनका पक्ष नहीं रखा गया तो उनका जवाब दाखिल करने का अधिकार जब्त कर लिया जाएगा और बिना उनके पक्ष रखे ही एनजीटी मामले की सुनवाई कर आदेश पारित करेगी। एनजीटी के इस सख्ती के बाद संबंधितों में हड़कंप की स्थिति है। एनजीटी ने सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता अश्वनी दुबे और सामाजिक कार्यकर्ता पंकज मिश्र की ओर से दायर याचिका पर सख्ती दिखाया है।

दाखिल याचिका में जनपद-सोनभद्र व जनपद सिंगरौली के 10 हजार वर्ग किमी क्षेत्र (सोनभद्र में 4328 वर्ग किमी. व सिंगरौली में 5276 वर्ग किमी.) लगभग 20 लाख लोग निवासरत हैं। वे गंभीर प्रदूषण की चपेट में और उन्हें शुद्ध हवा, पानी व वातावरण नहीं मिल पा रहा है, ऐसे क्षेत्रों में एनजीटी के आदेशानुसार पाल्यूटर्स पे फामूर्ले के तहत सिंगरौली परिक्षेत्र में स्थापित वृहद औद्योगिक इकाइयां बड़ी क्षमता के आरओ संयंत्र स्थापित कर पाइप लाइन के माध्यम से घर-घर शुद्ध पेयजल व आरओ द्वारा जल को शुद्धिकरण में बड़े पैमाने बर्बाद होने वाले निष्प्रयोज्य पानी को पाइप लाइन से घरेलू कार्य हेतु घर-घर आपूर्ति करने व परियोजनाओं की कॉलोनियों में निवासरत लोगों को भी आरओ के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने, एनजीटी द्वारा गठित हाईपॉवर कमेटी के अनुशंसा के अनुसार, सोनभद्र को बिजली कटौती मुक्त कर 24 घंटे विद्युत आपूर्ति करने, प्रदूषण प्रभावित क्षेत्रों की सड़कों को फोरलेन व पटरियों की इंटरलाकिंग, रिहायसी इलाकों की सड़कों को नियमित रूप से पाल्यूटर्स पे फामूर्ले के तहत औद्योगिक संस्थाओं द्वारा स्वीपिंग मशीनों के माध्यम से साफ करने, घनी आबादी वाले क्षेत्रों में हवा में फैले प्रदूषणकारी तत्वों को साफ करने के लिए एयर प्यूरीफायर लगाने समेत कई अन्य बिन्दु रखे गए हैं। जिस पर उप्र व मप्र सहित अन्य को अपना पक्ष रखना था।

सभी ने जवाब दाखिल कर दिया लेकिन सोनभद्र मुख्य सचिव उप्र व कलेक्टर सोनभद्र की ओर से जवाब नहीं दाखिल किया गया। अगली सुनवाई 2 फ रवरी 2016 को है। इसमें एनजीटी की ओर से यूपी सरकार को अंतिम मौका दिया है।

Published on:
26 Dec 2015 01:36 am
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