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ये भी खूब ! इनके रुतबे की लालबत्ती जमकर उड़ा रही नियमों की धज्जी

आरटीओ दफ्तर के सामने नियमों का उल्लंघनः भाजपा कार्यालय में जिला पंचायत अध्यक्षों की बैठक में कई अध्यक्ष लाल-पीली बत्ती लगे वाहनों से पहुंचे....।

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Manish Gite

Oct 15, 2015

Violation of RTO rules

Violation of RTO rules

(सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का खुला उल्लघन, अपने ही जिले में लगा सकते हैं पीली बत्ती, जबकि राजधानी पहुंचे कई लाल बत्ती वाले अध्यक्ष।)

शैलेंद्र चौहान
भोपाल। जिला पंचायत अध्यक्षों के रुतबे के सामने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन और आरटीओ के अफसर कुछ नहीं है। बुधवार को आरटीओ दफ्तर के ठीक सामने भाजपा कार्यालय में शुरू हुई बैठक में अधिकतर जिला पंचायत अध्यक्ष अवैध रूप से लाल-पीली बत्तियां लगाकर पहुंचे।


सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का किस प्रकार खुला उल्लंघन हो रहा है यह भाजपा कार्यालय में बुधवार को दोपहर में देखने को मिला। जिला पंचायत अध्यक्षों की बैठक में ज्यादातर अध्यक्ष बत्ती बड़े ही शान से लाल और पीली लगाकर पहुंचे। जबकि वे अपने जिले में ही पीली बत्ती लगा सकते हैं। उन्हें लाल बत्ती का भी अधिकार नहीं है।



भोपाल जिला पंचायत अध्यक्ष ने लगाई पीली बत्ती की जगह लालबत्ती



बताया जाता है कि भोपाल जिला पंचायत अध्यक्ष मोहनलाल नागर स्वयं भी इस बैठक में मौजूद हैं, वे अपने वाहन में लाल बत्ती लगाकर पहुंचे हैं, जबकि उन्हें पीली बत्ती की ही अनुमति है। जब पत्रिका संवाददाता ने उनसे इस बारे में पूछा तो उसका कहना है कि जिसे दम है निकालकर दिखाएं।


यह है गुना जिला पंचायत अध्यक्ष का वाहन

गौरतलब है कि प्रदेश में 41 बीजेपी समर्थक जिला पंचायत अध्यक्ष है। इधर, रीवा जिला पंचायत अध्यक्ष और आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले डीपी धाकड़ को बैठक में नहीं बुलाया गया है।


गौरतलब है कि भाजपा प्रदेश कार्यालय में पंचायत कर्मचारियों के आंदोलन से निपटने के लिए जिला पंचायत अध्यक्षों की बैठक चल रही है। उस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव भी मौजूद हैं। वे जिला पंचायत अध्यक्षों के साथ पंचायत कर्मियों के आंदोलन से निपटने डैमेज कंट्रोल पर चर्चा कर रहे हैं।



यह है रायसेन जिला पंचायत अध्यक्ष का वाहन



आसानी से मिलती है बाजार में
देश के शीर्ष न्यायालय ने लालबत्ती के दुरुपयोग पर भले ही सख्त रवैया अपनाया हो और इसकी रोकथाम के लिए आदेश दे दिए हैं, लेकिन जमीनी हकीकत में प्रशासन इनके रुतबे के आगे बौना साबित हो रहा है। कोई भी व्यक्ति बड़ी आसानी से बाजार से लालबत्ती खरीद भी सकता है। इसके लिए कोई नियम कायदे नहीं हैं कि कौन इसे खरीद सकता है और कौन नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से कहा था कि नियमों का उल्लंघन करने वाले वीआईपी वाहनों से सायरन हटाए जाएं। साथ ही राज्य सरकारों के उच्च पदों पर बैठे लोगों की लंबी सूची पर सवाल उठाया। लालबत्ती का उपयोग सीमित तौर पर होना चाहिए। वह सिर्फ संवैधानिक पदों पर आसीन लोगों के लिए होना चाहिए।


भाजपा कार्यालय में बैठक जारी
इधर भाजपा कार्यालय में बैठक जारी है। इस पर कई मुद्दों पर चर्चा की जा रही है। त्रिस्तरीय पंचायत पंचायती राज संगठन ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार चौहान और पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव पर वादे से मुकरने का आरोप लगाया था और एक बार फिर आंदोलन की घोषणा की थी। इसमें 15 अक्टूबर को ब्लाक स्तर पर ग्राम स्वराज रथ निकालने और 28 को भोपाल में डेरा डालो, घेरा डालो आंदोलन का ऐलान किया गया है। संगठन के डीपी धाकड़ ने कहा कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चौहान और पंचायत मंत्री भार्गव से चर्चा के बाद दो अक्टूबर के आंदोलन को स्थगित कर दिया था। मगर अब वे अपने वादे से मुकर रहे हैं। उन्होंने जो वादे किए थे, उनकी हमने सीडी तैयार की है जिसे गांव-गांव में दिखाया जाएगा। इसके लिए ग्राम स्वराज रथ निकाले जाएंगे। इनमें सीडी को दिखाया जाएगा। इसके बाद दो अक्टूबर के डेरा डालो घेरा डालो आंदोलन को अब 28 अक्टूबर को आयोजित किया गया है जिसके तहत सभी जिला-जनपद पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधि शामिल होंगे। जब तक उनकी मांगें मंजूर नहीं हो जाती तब तक वे भोपाल में ही डटे रहेंगे।

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