
राजधानी का एक ऐसा सच जो आप ने कभी नहीं देखा होगा!
भोपाल@सुभाष ठाकुर की रिपोर्ट...
एक ओर जहां देश में इन दिनों सफाई की लगातार बात हो रही है, वहीं मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के नगर निगम में तक संसाधनों का टोटा बना है। जिसके चलते सफाई कर्मचारियों पर हमेशा जान का खतरा बना रहता है, हमेशा यह बात उठती है कि यहां के सफाई कर्मचारी बिना सेफ्टी किट के अपनी जान पर खेलकर मैनहोल और नालों की सफाई करते हैं,जबकि कई बार यहां तक कह दिया जाता है कि सब ठीक है। इसी बीच शहर का एक वीडियो सामने आया है, जिसने निगम की व्यवस्थाओं की पोल खोल कर रख दी है।
दरअसल राजधानी में तक सफाई कर्मचारी बिना सेफ्टी किट के अपनी जान पर खेलकर मैनहोल और नालों की सफाई कर रहे हैं। जो सफाई कर्मियों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है।
इस बात को नगर निगम के अधिकारी भी बखूबी जानते हैं लेकिन उनकी नींद किसी बड़ी घटना के बाद ही टूटती है। वहीं घटना के बाद पीडि़त परिवार को मुआवजा दिलाने और तमाम अन्य प्रलोभनों के माध्यम से चुप कराने का प्रयास किया जाता है।
ये है मामला...
मैनहोल का जिक्र आते ही इंसान के दिमाग में भयंकर बदबू, खतरनाक गैस, नाले में नीचे इकट्ठा प्लास्टिक, कांच और अन्य चीजों के टुकड़े भरे पड़े होने का दृश्य कौंध जाता है। खुले मैनहोल और नाले के पास से गुजरते समय इंसान मुंह पर रूमाल जरुरत रखता है। जबकि नगरीय क्षेत्र के नालों और मैनहोल की सफाई करने वाले नगर निगम के सफाई कर्मचारी बिना किसी सेफ्टी किट के काम करने को मजबूर हैं।
वहीं भोपाल नगर निगम की पोल खोलता ये वीडियो ज़ोन 5 और वार्ड 22 का है। जहां सफाई कर्मचारी अपनी जान पर खेल कर नाला कर्मचारी का काम कर रहा है, उसकी ना तो कमर पर रस्सी न ही सीडी लगी फिर भी नाले में डुबकी लगा कर सफाई कर रहा है।
जबकि जानकारों का कहना है कि केवल रस्सी व सीड़ी होना ही जरूरी नहीं है, बल्कि मैनहोल या ऐसे जगहों पर के अंदर जहरीली गैस का रिसाव का खतरा रहता है ऐसे में सफाई कर्मी के पास आक्सीजन माक्स समेत अन्य सेफ्टी उपकरण होना जरूरी है।
वीडियो में ये आया सामने...
प्रदेश के अन्य जिलों की तो बात ही छोड़िए राजधानी भोपाल में तक हम आपको एक ऐसा नज़ारा दिखा रहे हैं, जो आप ने कभी नहीं देखा होगा। नगर निगम का सच दिखाते इस वीडियो में ज़ोन 5 और वार्ड 22 का है एक नजारा है, जहां एक सफाई कर्मचारी अपनी जान पर खेल कर नाला सफाई का काम कर रहा है, इस दौरान ना तो उसकी कमर पर कोई रस्सी है और न ही सीडी लगी है। इसके बावजूद वह नाले में डुबकी लगाकर सफाई कर रहा है।
ये उठ रहे प्रश्न:
- इससे ऐसा काम करने को कौन कह रहा है?
- बिना सेफ्टी कैसे उतरा कर्मचारी?
- किसकी है ये जिम्मेदारी?
वहीं ये मामला अब मानव अधिकार आयोग तक पहुंचा गया है।ऐसे में नगर निगम को जबाब देना होगा।
नियमों को ताक पर रखककर हो रहा काम
सूत्रों के मुताबिक नगर निगम में विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए नियमों का भी कोई खास मायने नहीं है। शायद इसी वजह से नगर निगम के किसी भी अधिकारी ने कभी सफाई कर्मचारियों की सैफ्टी को लेकर कोई गंभीर प्रयास नहीं किए। राजधानी में इस प्रकार से हो रही सफाई को लेकर भी अधिकारियों ने नियम के खिलाफ काम करने को लेकर कभी टोका-टाकी नहीं की।
वहीं इसे लेकर जानकारों को कहना है कि यदि ऐसा ही रहा तो पीएम मोदी के सपने के साथ ये बहुत बड़ा धोखा होगा, और स्वच्छ भारत और भोपाल को स्मार्ट सिटी बनाने का सपने पूरा करने में निगम को मजदूरों का सपोर्ट नहीं मिल पाएगा। जो सबसे नुकसानदायक साबित होगा।
सफाई के सामने आए इस वीडियो ने एक बार फिर सफाई कर्मचारियों की सैफ्टी को लेकर शहर में चर्चाओं का दौर गर्मा दिया है।
Published on:
07 Jul 2018 12:24 pm
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