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यह कहानी है अर्चना सोरेंग की। अर्चना को संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के 7 सदस्ययी सलाहकार समूह में शामिल किया गया है। अर्चना पर्यावरण संरक्षण और क्लाइमेट चेंप पर काम करेंगी।
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Hearty congratulations to Ms.Archana Soreng belonging to the Khadia tribe of Sundergarh District, #Odisha for being selected by the @UN as one of the seven members of the Youth Advisory Group on #ClimateChange as a part of the UN #youth strategy. #UnitedNations pic.twitter.com/kluJk0M684
— Vice President of India (@VPSecretariat) July 29, 2020
आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाली अर्चना का जीवन चमक—धमक से बिल्कुल दूर था। पर उनके प्रकृति प्रेमी पूर्वज बरसों से ही पर्यावरण संरक्षण में खास भूमिका निभाते रहे हैं। अर्चना भी उन्हीं के नक्शे कदम पर चलती रहीं और यह मुकाम हासिल किया। वह ओडिशा के गंजाम जिले की असिका तहसील में स्थित खरिया गांव की रहने वाली हैं। यह इलाका जनजातिय बहुल क्षेत्र है, यहां चारों तरफ प्रकृति प्रेमियों का बसेरा है।
संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) तक पहुंचने वाली अर्चना ने पटना वूमेंस कॉलेज से राजनीति विज्ञान में यूजी किया। फिर मुंबई के टीआईएसएस से पी.जी की। नेतृत्व क्षमता की बदौलत वह इस दौरान छात्रसंघ की अध्यक्ष भी बनीं। वह वकालत भी कर चुकी हैं।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव के जिस 7 सदस्ययी युवा सलाहकार समूह में अर्चना का चयन हुआ है वह दुनिया के पर्यावरण विषयों पर सलाह और समाधान देने का काम करेगा। अन्य सदस्ययों के साथ अर्चना भी इस काम में भूमिका निभाएंगी। चूंकि अर्चना को पर्यावरण संरक्षण के गुण पूर्वजों से विरासत में मिले हैं, यकिनन वह काम में अहम योगदान देंगी।