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साढ़े बारह हजार अंकों की परीक्षा, सिटीजन फीडबैक असली कसौटी

स्वच्छ शहरों की रैंकिंग तय करने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण-2025 की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इस बार सर्वेक्षण 12,500 अंकों का होगा, जिसमें नगर निगम के लिए सबसे बड़ी चुनौती सिटीजन फीडबैक और कचरा प्रोसेसिंग साबित होने वाली है।

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बीकानेर. देश के सबसे स्वच्छ शहरों की रैंकिंग तय करने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण-2025 की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इस बार सर्वेक्षण 12,500 अंकों का होगा, जिसमें नगर निगम के लिए सबसे बड़ी चुनौती सिटीजन फीडबैक और कचरा प्रोसेसिंग साबित होने वाली है। अंक निर्धारण की जानकारी निगम तक पहुंच चुकी है, लेकिन जमीनी स्तर पर तैयारियां अब तक नदारद नजर आ रही हैं।

ऐसे होगा अंकों का बंटवारा
स्वच्छ सर्वेक्षण-2025 में अंकों का वितरण कुछ ऐसे किया गया है, जिसमें 1000 अंक ओडीएफ, ओडीएफ प्लस, ओडीएफ प्लस प्लस और वाटर प्लस के, 1000 अंक सिटीजन फीडबैक के और 10,500 अंक सफाई व्यवस्था और फील्ड वर्क के लिए तय किए गए हैं। इस बार जहां ओडीएफ और जीएफसी के अंकों में कटौती की गई है, वहीं नागरिकों की राय और फीडबैक को ज्यादा महत्व दिया गया है।

300 टन कचरा, निस्तारण महज 2-3 टन
स्वच्छ सर्वेक्षण में इस बार कचरा निस्तारण और प्रोसेसिंग पर विशेष फोकस रहेगा। शहर से प्रतिदिन 300 टन से अधिक कचरा एकत्र हो रहा है, जो सीधे डंपिंग यार्ड पहुंच रहा है। निगम के पास बल्लभ गार्डन क्षेत्र में मात्र दो टन क्षमता का एक एमआरएफ सेंटर है, जिससे कचरे के पहाड़ लगातार बढ़ते जा रहे हैं।

एमएसडब्ल्यू और सीएंडडी वेस्ट प्लांट अब भी अधूरे
घरों, बाजारों और सड़कों से निकलने वाले कचरे के निस्तारण के लिए प्रस्तावित एमएसडब्ल्यू प्रोसेसिंग प्लांट और निर्माण मलबे के लिए सीएंडडी वेस्ट प्लांट दोनों ही अब तक चालू नहीं हो पाए हैं। बल्लभ गार्डन क्षेत्र में दोनों परियोजनाओं का काम अधूरा पड़ा है। स्वच्छ सर्वेक्षण तक इनके चालू होने की संभावना बेहद कम मानी जा रही है।

नगर निगम के सामने ये बड़ी चुनौतियां
सभी वार्डों में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण नहीं हो पा रहा। ऑटो टिपरों में गीला-सूखा कचरा अलग करने के लिए कंपार्टमेंट नहीं हैं। बल्लभ गार्डन में लिगेसी वेस्ट का लगातार बढ़ता ढेर भी चुनौती बना हुआ है। स्कूलों में गीले कचरे के निस्तारण की व्यवस्था नहीं है। सड़कों और गलियों की स्थिति खराब है। तकरीबन 100 किलो से अधिक गीला कचरा उत्पन्न करने वाले होटलों में प्रोसेङ्क्षसग सिस्टम लागू कराना भी बड़ी चुनौती है।

इन बिंदुओ पर रहेगा विशेष फोकस
- सिटीजन फीडबैक
- स्वच्छता ऐप पर आई शिकायतों का त्वरित निस्तारण
- सार्वजनिक शौचालयों में लगे क्यूआर कोड से प्राप्त फीडबैक
- एकत्रित कचरे का वैज्ञानिक निस्तारण

इन मानकों पर मिलेंगे अंक
850 अंक : समग्र सफाई व्यवस्था
150 अंक : गली-मोहल्लों में नियमित झाड़ू
150 अंक : व्यावसायिक व पर्यटन क्षेत्रों में दिन में दो बार सफाई
100 अंक : संकरी गलियों और बैकलाइनों की सफाई
100 अंक : नालों-नालियों की प्रभावी सफाई
100 अंक : बाजारों व सार्वजनिक स्थलों पर ट्विन डस्टबिन
600 अंक : डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण
500 अंक : हर वार्ड में नियमित वाहन व्यवस्था
400 अंक : वाहनों में गीला-सूखा कचरा पृथक व्यवस्था
1500 अंक : कचरे का प्रसंस्करण व निस्तारण