स्वच्छता सर्वेक्षण सिर पर, सिरे नहीं चढ़ रही रात्रिकालीन सफाई व्यवस्था
कार्य समय पर विवाद - पहली फर्म निगम समय अनुसार काम करने को तैयार नहीं, अब दूसरी फर्म से कार्य करवाने की कवायद

बीकानेर. स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर शहर में तीन माह के लिए बनाई गई रात्रिकालीन सफाई व्यवस्था सिरे नहीं चढ़ पा रही है। निगम प्रशासन ने स्वच्छता सर्वेक्षण को मध्यनजर रखते हुए जनवरी में इसकी कवायद शुरू की थी। रात्रिकालीन सफाई व्यवस्था के लिए ९० सफाई श्रमिकों को अनुबंधित फर्म के माध्यम से लेने के लिए टेण्डर प्रक्रिया भी अपनाई गई। एक फर्म ने इस कार्य को ले भी लिया, लेकिन निगम की एक शर्त रात्रिकालीन सफाई व्यवस्था में बाधक बन गई। निगम जिस समय अनुसार सफाई कार्य करवाना चाह रहा है, उस पर फर्म तैयार नहीं हो पा रही है। निगम और फर्म के बीच दो शि ट के समय को लेकर गतिरोध बना हुआ है। वहीं बताया जा रहा है कि निगम ने टेण्डर की दूसरी फर्म से स पर्क कर रात्रिकालीन सफाई व्यवस्था करवाने का मानस बना लिया है।
दो शि ट में कार्य करने की शर्त
निगम की स्वास्थ्य शाखा की जानकारी अनुसार रात्रिकालीन सफाई व्यवस्था के टेण्डर में संबंधित फर्म को दो शि ट में सफाई कार्य करना है। बताया जा रहा है निगम सुबह ७ बजे से दोपहर १२ बजे तक और रात ८ बजे से १२ बजे तक सफाई कार्य करवाना चाहता है। लेकिन फर्म निगम की ओर से चाहे गए समय अनुसार सफाई कार्य करने को तैयार नहीं हो रही है।
कार्य करने को तैयार
टेण्डर में सफाई कार्य के समय का उल्लेख नहीं है। निगम अधिकारी अब अपने अनुसार समय निर्धारित कर रहे है, जो उचित प्रतीत नहीं हो रहा है। फर्म आठ घंटे सफाई कार्य करने को तैयार है। रात्रिकालीन सफाई कार्य के लिए अनुबंधित फर्म के संचालक राजू पंडित के अनुसार निगम चाहे तो सुबह ७ बजे से शाम ३ बजे तक अथवा शाम ४ बजे से रात १२ बजे तक काम करवा सकता है। वहीं निगम आठ घंटे सुबह की शि ट में ४५ सफाई श्रमिक और शाम की शि ट में आठ घंटे ४५ सफाई श्रमिकों से सफाई कार्य करवा सकता है। जिला कलक्टर और निगम आयुक्त को भी इससे अवगत करवाया गया है।
मार्च में सर्वेक्षण, जगह-जगह कचरे की ढेरियां
स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए मार्च में टीम बीकानेर पहुंचेगी। वर्ष २०२१ के लिए स्वच्छता रैंकिंग के लिए अंक निर्धारित करने के लिए स्वच्छता को लेकर सर्वेक्षण होगा। जिला प्रशासन और निगम के अब तक किए गए प्रयासों का अधिक असर शहर की सफाई व्यवस्था पर नजर नहीं आ रहा है। शहर में गली-मोहल्लों से लेकर मु य बाजारों, मु य मार्गो और कॉलोनी क्षेत्रों तक जगह-जगह कचरे की ढेरिया नजर आ रही है। जिला प्रशासन और निगम की ओर से हाल ही में स्वच्छता अभियान भी चलाया, लेकिन इसका अधिक असर नजर नहीं आ रहा है।
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