
प्रतीकात्मक तस्वीर - Freepik
बीकानेर। गांधी कॉलोनी स्थित क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जल्द ही DNA जांच की सुविधा शुरू होने जा रही है। अब तक बीकानेर से लिए गए सैंपल जयपुर और उदयपुर भेजे जाते थे, जिससे न केवल जांच में देरी होती थी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी प्रभावित होती थी।
प्रयोगशाला में करीब 4.5 से 5 करोड़ रुपए की हाई-टेक मशीनें इंस्टॉल की जा चुकी हैं। मशीनों को ऑपरेट करने के लिए कुछ कर्मचारी पहले ही प्रशिक्षित किए जा चुके हैं, जबकि शुरुआती चरण में दूसरे जिलों से अनुभवी तकनीशियन भी बुलाए जाएंगे। जुलाई के पहले सप्ताह से डीएनए जांच विधिवत रूप से शुरू होने की संभावना है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, बीकानेर संभाग से हर माह करीब 25 से 30 सैंपल डीएनए जांच के लिए जयपुर भेजे जाते हैं। जांच रिपोर्ट में एक से दो महीने तक का समय लग जाता है, जिससे कई मुकदमों की गति धीमी पड़ जाती है।
DNA (डिऑक्सीराइबो न्यूक्लिक एसिड) जांच किसी व्यक्ति की आनुवंशिक पहचान तय करने का वैज्ञानिक तरीका है। यह जांच आपराधिक मामलों में अपराधी की पहचान, पैतृत्व की पुष्टि, वंशावली, और आनुवंशिक बीमारियों की पहचान के लिए इस्तेमाल होती है। यह परीक्षण किसी व्यक्ति की आनुवंशिक संरचना में परिवर्तनों की पहचान कर सकता है, जो किसी आनुवंशिक बीमारी के जोखिम या किसी व्यक्ति की वंशावली के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
बीकानेर में डीएनए जांच की सुविधा होना एक बड़ी उपलब्धि है। इससे पुलिस जांच की गति बढ़ेगी और पीड़ितों को जल्दी न्याय मिल सकेगा। -ओमप्रकाश जोशी, सेवानिवृत्त आरपीएस
Published on:
28 Jun 2025 02:48 pm
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