
Bullion shops
बीकानेर में शुक्रवार को देवउठनी एकादशी के बावजूद स्वर्ण कारोबारियों ने अपनी दुकानें बंद रखी। कहा जा रहा है कि आयकर विभाग की नजरों से बचने के लिए स्वर्ण कारोबारियों ने यह तरकीब निकाली है।
बाजार में इस बात की चर्चा भी शुक्रवार को जोरों पर रही कि शहर के कुछ स्वर्ण कारोबारी दुकानें बंद रखने के बावजूद घरों से स्वर्ण आभूषणों की बिक्री का काम कर रहे हैं। इतना ही नहीं वे इसकी मन-माफिक कीमत भी वसूल रहे हैं।
सोशल मीडिया पर शुक्रवार को वायरल हुए इस प्रकार के समाचारों के बाद आयकर विभाग के अधिकारियों ने भी स्वर्ण कारोबारियों की बिक्री और खरीद पर अपनी नजरें रखनी शुरू कर दी है।
शुक्रवार को एक व्यापारी के यहां की गई जांच के बाद सर्राफा कारोबार में दुकानें बंद होने का सिलसिला शुरू हो गया। बताया जा रहा है कि विभाग के अधिकारी स्वर्ण कारोबारियों की बिक्री बुक पर विभाग की मुहर लगा रहे हैं, ताकि वे पुरानी तिथियों से अपनी बिक्री को नहीं दर्शा सकें।
उधर विभाग के उच्चाधिकारियों ने बताया कि कोई भी व्यापारी अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर विभाग की नजरों से नहीं बच सकते। उधर स्वर्ण कारोबारियों की मानें तो कमजोर ग्राहकी और पुराने नोट प्रचलन के चलते उन्होंने अपने-अपने प्रतिष्ठानों को बंद रखने का निर्णय लिया है।
सूचना देने वालों का स्वागत
आयकर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि काली कमाई से जुड़े लोगों की जानकारी देने वाले व्यक्तियों और कारोबारियों की जानकारी विभाग के अधिकारियों ने जुटानी शुरू कर दी है। इस काम के लिए सूत्रों की मदद भी ली जा रही है। इस प्रकार की सूचना देने वाले व्यक्ति और सूत्रों के नाम को गुप्त रखा जाएगा।
तीन ज्वेलर्स के यहां आयकर सर्वे
आयकर विभाग की टीम ने शुक्रवार को हनुमानगढ़ स्थित तीन स्वर्ण कारोबारियों के यहां आयकर सर्वे की कार्रवाई शुरू की। कार्रवाई शुरू होने के साथ ही हनुमानगढ़ जिले के स्वर्ण कारोबारियों में हड़कम्प मच गया, कई दुकानदारों ने तो अपनी दुकानें तक बंद कर ली। विभागीय सूत्रों की मानें तो प्रथम दृष्टया तीनों कारोबारियों के यहां गंभीर प्रवृत्ति की अनियमितताएं उजागर हुई हैं।
अधिकारियों ने अपनी जांच में मौके से कुछ दस्तावेज भी जब्त किए हैं। उधर, इसी सप्ताह सूरतगढ़ में एक ज्वेलर्स के यहां किए गए सर्वे के बाद संबंधित व्यापारी ने अपने यहां पचास लाख रुपए की अघोषित आय होने का खुलासा किया है।
हालांकि इससे पूर्व संबंधित व्यापारी ने अपने यहां सर्वे के दौरान किसी प्रकार की अघोषित आय होने से इंकार किया था। लेकिन विभाग के अधिकारियों की ओर से जब्त किए गए दस्तावेज और सवालों के कोई जवाब नहीं दे पाया।
आखिरकार उसने शुक्रवार को अपने यहां अघोषित आय को स्वीकार कर लिया। इससे पूर्व इसी क्षेत्र में एक स्वर्ण कारोबारी ने अपने यहां नब्बे लाख रुपए की अघोषित आय स्वीकार की थी।
Published on:
12 Nov 2016 09:15 am
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