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बीकानेर से दस हजार कंटेनर का निर्यात ऐसे में ड्राईपोर्ट नहीं होने से व्यापारियों को होती है परेशानी

दुनिया भर से कमोबेश एक हजार करोड़ का माल आयात-निर्यात होता है। ड्राईपोर्ट नहीं होने से व्यापारियों को आयात-निर्यात में परेशानियां होती हैं।

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ड्राई पोर्ट

बीकानेर. बीकानेर से दुनिया भर से कमोबेश एक हजार करोड़ का माल आयात-निर्यात होता है। इसमें वूलन, कारपेट, पॉम ऑयल, दालें, भुजिया, पापड़, मूंगफली, ग्वारगम, फ्रूट एवं अन्य खाद्यान्न का आयात-निर्यात मुख्यतया होता है। ड्राईपोर्ट नहीं होने से व्यापारियों को आयात-निर्यात में परेशानियां होती हैं। बीकानेर से खाद्यान्न, कारपेट, ग्वार गम, मूंगफली, क्लें, दालें और केमिकल्स का आयात-निर्यात बढ़ता जा रहा है। ऐसे में बीकानेर में ड्राईपोर्ट चालू करने की सख्त जरूरत है।

राजसीको की ओर से बीकानेर में ड्राईपोर्ट खोलने की प्रक्रिया चालू की गई थी। इसमें भूमि चिन्हित करने तथा पर्यावरणीय स्वीकृति की कार्रवाई हो गई। राजसीको ने ड्राईपोर्ट खोलने की तैयारी कर ली गई थी। राज्य सरकार की ओर से चिन्हित गोचर भूमि होने के कारण जन विरोध के कारण मामला अटक गया।

अब सरकार इस मामले में उचित भूमि चयनित कर ड्राईपोर्ट यथाशीघ्र चालू करे। यह मु²ा केन्द्रीय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल एवं राज्य सरकार के समक्ष फिर से उठाया गया। इस मामले में जिला उद्योग संघ ने राज्य सरकार से भी बीकानेर के प्रस्तावित ड्राईपोर्ट को नए वर्ष में खोलने का आग्रह किया है।

जिला उद्योग संघ ने राज्य एवं केन्द्र सरकार को बीकानेर में ड्राईपोर्ट की जरूरत का सही आकलन कर इसे गंभीरता से लेने का आग्रह किया है। बीकानेर जिला एशिया की वूलन मण्डी के नाम से विख्यात है। देश के मानचित्र में बीकानेर की विशिष्ट पहचान है। यहां से प्रति माह 10 हजार ज्यादा कंटेनर से आयात-निर्यात होता है।

इसमें ऊन 2600 कंटेनर. ग्वार गम २५०० कंटेनर, मूंगफली 200 कंटेनर, क्ले 200-250, कारपेट 100-150, भुजिया पापड़ 250 से 300 कंटेनर तथा अन्य तरह की सामग्री 250-300 कंटनेर मिलाकर 10 हजार से ज्यादा कंटनेर आयात-निर्यात होता है। ड्राईपोर्ट बनने से आयात निर्यात वाला माल भी औद्योगिक इकाइयों के दरवाजे तक आसानी से पहुंचेगा। इसका लाभ पूरे संभाग के श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू आदि इलाके के लोगों को आयात-निर्यात का लाभ मिलेगा।

ड्राईपोर्ट बीकानेर की नितान्त आवश्यकता
बीकानेर में ड्राईपोर्ट बनाने की कार्रवाई एक स्तर पर हो चुकी थी। राज्य एवं केन्द्र सरकार ने यहां ड्राईपोर्ट की आवश्यकता को स्वीकार किया है। कई कारणों से यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। अब राज्य एवं केन्द्र सरकार बीकानेर में सर्वोच्च प्राथमिकता से ड्राईपोर्ट स्थापित करने की कार्रवाई करें। इसकी जरूरत के बारे में केन्द्रीय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल एवं राज्य सरकार को अवगत करवा दिया गया है। आशा है कि सरकारें इसे गंभीरता लेगी।
डी.पी. पच्चीसिया, अध्यक्ष, जिला उद्योग संघ बीकानेर

बीकानेर में बढ़ा कारपेट निर्यात का काम
अकेले वूलन इण्डस्ट्रीज को सौ से डेढ़ सौ कंटनेर औसतन रोजाना चाहिए। बीकानेर
से कारपेट निर्यात का काम बढ़ता जा रहा है। इससे वूलन आयात भी बढ़ रहा है। ड्राईपोर्ट केवल वूलन इण्डस्ट्री ही नहीं तेल और खाद्यान्न आयात-निर्यात के लिए आवश्यक है।
कमल कल्ला, वूलन इण्डस्ट्री, बीकानेर


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