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दिनेश कुमार स्वामी
Bikaner News: वाहन पर फर्जी नंबर प्लेट लगाने वाले अपराधियों और चोरी के वाहनों की पहचान के लिए सरकार के हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट (एचएसआरपी) के प्रयास का ऑनलाइन बाजार बंटाधार कर रहा है। पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारियों की आंखों में धूल झोंकने वाली हुबहू हाई सिक्योरिटी फर्जी नंबर प्लेट ई-कॉमर्स कम्पनियां 500-700 रुपए में बेच रही हैं। जिन वाहनों के कागजात नहीं हैं या आरसी का नवीनीकरण नहीं कराया है, उनके मालिक खासतौर से ऐसी नंबर प्लेट लगवा रहे हैं।
खास बात यह है कि परिवहन विभाग और पुलिस दोनों के पास अभी तक इसका कोई तोड़ नहीं है। नकली नंबर प्लेट आईएनडी और सिक्योरिटी स्टीकर छपी होने के साथ उस पर असली प्लेट की तरह कोने पर फर्जी सिक्योरिटी नंबर भी खुदा हुआ है। वाहनों के मॉडल के अनुसार पूरी जानकारी लेकर प्लेट तैयार कर ऑनलाइन घर पर डिलीवरी की जा रही है।
गौरतलब है कि राजस्थान सरकार ने नए वाहनों के शोरूम से निकलने के साथ ही हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना वर्ष 2019 से अनिवार्य कर रखा है। बाद में वर्ष 2019 से पहले खरीदे किए वाहनों पर भी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की अनिवार्यता लागू की। प्लेट लगवाने की अंतिम तिथि 31 अगस्त 2024 थी। यह तिथि निकलने के साथ ही पुलिस और परिवहन विभाग ने चालान करने शुरू कर दिए। तब लोगों ने इसका तोड़ तलाशना शुरू किया।
पुराने वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लिए सियाम पोर्टल पर आवेदन लेकर वाहनों के अधिकृत डिस्ट्रीब्यूटर्स से प्लेट लगवाने की व्यवस्था है। परिवहन मंत्री ने सितंबर में इस प्रक्रिया को बंद कर नए सिरे से विभाग के स्तर पर नंबर प्लेट लगाने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए थे। अभी तक विभाग के स्तर पर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं हुई है।
यदि ऑनलाइन हुबहू एचएसआरपी नंबर प्लेट बेची जा रही है, तो इससे मुख्यालय को अवगत कराया जाएगा। यह वैध नहीं है। लगाने वाले वाहन का चालान किया जा सकता है। धोखा या फर्जीवाड़ा करने वाले वालों पर कार्रवाई के लिए मार्गदर्शन लिया जाएगा। - राजेश शर्मा, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी, बीकानेर
Updated on:
06 Oct 2024 11:40 am
Published on:
06 Oct 2024 11:39 am
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