6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

रूप बदल कर आया कोविड, इस बार ऐसे लक्षण आएं, तो न करें इग्नोर…

करीब एक साल से शांत पड़े कोविड के साइड इफेक्टस प्रशासनिक और सार्वजनिक लापरवाही के रूप में सामने दिखने लगे हैं।

3 min read
Google source verification
रूप बदल कर आया कोविड, इस बार ऐसे लक्षण आएं, तो न करें इग्नोर...

रूप बदल कर आया कोविड, इस बार ऐसे लक्षण आएं, तो न करें इग्नोर...

बीकानेर. कई माह से शांंत पड़ा कोरोना फिर फन फैलाने लगा है। यह स्थिति गंभीर इसलिए है कि लोग इसे लेकर इतने गंभीर नहीं हैं, जितने दो-तीन साल पहले हुआ करते थे। करीब एक साल से शांत पड़े कोविड के साइड इफेक्टस प्रशासनिक और सार्वजनिक लापरवाही के रूप में सामने दिखने लगे हैं। जनता जहां सतर्कता को लेकर लापरवाह हो चुकी है, तो वहीं प्रशासनिक हालात यह हैं कि जिले में एक भी कोविड वैक्सीन इस समय उपलब्ध नहीं है। बूस्टर डोज को लेकर तो कोई हलचल ही नजर नहीं आई। नतीजा सामने है। कोविड मरीजों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ने के साथ ही अब प्रशासन की पेशानी पर चिंता की लकीरें उभरने लगी हैं। बीकानेर में पिछले कुछ दिनों से 4 से 10 मरीजों के छिटपुट ढंग से कोविड पॉजिटिव मिलने के बाद भी कान में तेल डाले सो रहे प्रशासन की आंख तब खुली, जब गुरुवार को जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल भी कोविड पॉजिटिव हो गए।

प्रशासनिक तैयारी की पोल खोलते हालात

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि उसने वैक्सीन के लिए कई बार जयपुर पत्र भेजा है। उसके बाद भी सुनवाई नहीं हो रही है। इसके अलावा रैपिड एंटीजन टेस्ट के लिए किट भी उपलब्ध नहीं है। हालांकि, डिस्पेंसरियों तथा पीबीएम अस्पताल में आरटीपीसीआर की जांच की सुविधा उपलब्ध है। लेकिन जांच का दायरा बेहद सीमित है। बस स्टैंड तथा रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के इक्का-दुक्का सैंपल लिए जा रहे हैं। इसके अलावा पीबीएम अस्पताल में जिन मरीजों का ऑपरेशन किया जाता है। उनकी अन्य जांचों के साथ-साथ कोविड की जांच भी करवाई जा रही है।

29 नवंबर के बाद लौटा कोविड

कोराना रोगी बड़ी संख्या में तो मार्च में आने शुरू हुए, लेकिन इसका क्रम 29 नवंबर को नए सिरे से शुरू हुआ, जब एक कोविड संक्रमित चिन्हित हुआ। इसके बाद 9 दिसंबर को दूसरा मरीज सामने आया। दिसंबर में दो संक्रमित मिले। फिर जनवरी और फरवरी 2023 में एक भी मरीज नहीं आया। इससे स्वास्थ्य विभाग फिर ढीला पड़ गया। इसके बाद 10 मार्च से काेविड संक्रमित आने शुरू हुए, तो निरंतर आ रहे हैं। मार्च में ही करीब 30 रोगी सामने आए थे। इसके बाद अप्रेल के पहले सप्ताह में ही अब तक 20 मरीजों में कोविड की पुष्टि हो चुकी है।

इस वर्ष अभी तक 53 पॉजीटिव केस

जनवरी से अप्रेल तक 53 पॉजीटिव मामले सामने आए हैं। इसमें से 23 एक्टिव मरीज हैं। इन सभी मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा गया। अस्पताल में वे ही रोगी भर्ती हैं, जो पहले से ही ऑपरेशन के लिए भर्ती हैं। उनकी अन्य जांचों के साथ-साथ काेविड की जांच भी की जाती है।

11 से 85 वर्ष आयु वर्ग के रोगी

इस समय जो मरीज कोविड संक्रमित आए हैं, उसमें 11 से 85 वर्ष आयु वर्ग के रोगी हैं। इसमें से 11 वर्षीय बच्चे के वैक्सीन नहीं लगी हुई है, जबकि अन्य आयु वर्ग के रोगियों के दोनों डोज लगी हुई है।

कुछ अलग भी हो सकते हैं लक्षण

चिकित्सा विशेषज्ञों की मानें, तो इस बार जो मरीज कोविड से पीडि़त होकर आ रहे हैं, उनमें पिछली बार के मरीजों से थोड़ा अंतर दिख रहा है। मसलन, कोरोना के जो ताजा मामले सामने आ रहे हैं, उसमें लक्षण लगभग वायरल फीवर या फ्लू वायरस के जैसे दिख रहे हैं। फीवर यानी बुखार भी हाईग्रेड आ रहा है। खांसी, जुकाम, गले में दर्द जैसे लक्षण वही हैं, जो पहले कोविड में दिखाई देते रहे हैं। कुछ मरीजों में बुखार के साथ-साथ उल्टियां आने की भी शिकायतें सामने आई हैं।

बचाव ही बेहतर उपाय

मास्क का प्रयोग करें। सोशल डिस्टेन्सिंग अपनाएं। बार-बार हाथों को साबुन से धोएं, ताकि वायरस के संक्रमण से बचाव हो सके। अगर आपको उपर्युक्त में से कोई भी लक्षण दिखायी दें, तो मेडिकल सलाह लें और कोविड जांच कराएं।

जिला कलक्टर सहित नौ नए पॉजीटिव

गुरुवार को नौ मरीजाें में कोविड पॉजीटिव की पुष्टि हुई है। इसमें जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल भी शामिल हैं। उनके स्वास्थ्य में गिरावट होने के कारण जांच की गई थी। जांच में कोविड पॉजीटिव की पुष्टि हुई है। इसके अतिरिक्त एक संक्रमित खाजूवाला का रहने वाला है, जो इस समय अस्थि रोग विभाग में भर्ती है। एक महिला रोगी न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में भर्ती है। एक मरीज भटिंडा का रहने वाला है, जो देशनाेक मंदिर दर्शन करने आया था। उसका रेलवे स्टेशन पर सैंपल लिया गया था। अन्य रोगियों को होम आइसोलेशन किया हुआ है। इन सभी के दोनों वैक्सीन लगी हुई है।

क्या कहते हैं डॉक्टर्स

डॉ. सुरेन्द्र कुमार वर्मा, (कोविड प्रभारी पीबीएम अस्पताल) के मुताबिक, इस समय खांसी, जुकाम, गले में खरास, हाइग्रेड फीवर के मरीज ज्यादा सामने आ रहे हैं। जो मरीज सांस की शिकायत, शुगर, कैंसर पीडि़त होते हैं, उन्हें कोविड संक्रमित होने की आशंका अधिक रहती है। अगर कोई स्वस्थ व्यक्ति किसी कोविड पीडि़त के संपर्क में आता है, तो उसे तीन से सात दिन के भीतर संक्रमित होने की आशंका रहती है। इसके अलावा पांच साल आयु वर्ग से कम तथा 70 साल आयु वर्ग से अधिक व्यक्ति के संक्रमित होने का खतरा अधिक है। इस प्रकार के लोगों की इम्युनिटी कमजोर होती है। इसके अलावा फेफड़ों की तकलीफ वाले मरीज के भी संक्रमित होने का खतरा बना रहता है। इस प्रकार के रोगियों को निमोनिया होने की आशंका अधिक रहती है। अगर कोई व्यक्ति ऊपर दिए लक्षणों से पीडि़त है, तो उसे पीबीएम अस्पताल आकर जांच करानी चाहिए।

बीकानेर की ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें...