18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

महापंचायत: किसानों को मिले हक का सिंचाई पानी

सिंचाई पानी की मांग को लेकर किसान मजदूर व्यापारी संघर्ष समिति के तत्वावधान में यहां नई धानमंडी में किसानों की महापंचायत का आयोजन।

3 min read
Google source verification
farmers

किसान

खाजूवाला. इंदिरा गांधी नहर परियोजना में चार में से दो समूहों सिंचाई पानी की मांग को लेकर किसान मजदूर व्यापारी संघर्ष समिति के तत्वावधान में यहां नई धानमंडी में किसानों की महापंचायत का आयोजन हुआ। सभा में वक्ताओं ने सरकार पर आरोप लगाकर सरकार को किसान विरोधी बताया। पूर्व राज्यसभा सदस्य जमुना बारूपाल ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि रबी फसल के लिए चार में से दो समूह में पानी दिया जाना आवश्यक है लेकिन सरकार पानी नहीं देकर अंतिम छोर के किसानों को उजाडऩे पर तुली है।

पीसीसी सदस्य डॉ. किशनलाल मेघवाल ने कहा कि किसानों को आज हक के लिए आन्दोलन करने को मजबूर होना पड़ रहा है। सिंचाई पानी के अलावा सरकार सोलर, डिग्गी आदि में भी छूट घटाकर किसानों को बर्बाद करने पर तुली है। सरपंच श्रवण डारा ने कहा कि सरकार किसानों की समस्याओं को नहीं सुन रही है।

राजेंद्र भादू ने कहा कि किसानों की ताकत के आगे सरकार झुक सकती है हमें एकजुट होकर इस सरकार को जगाना होगा। बड़ी संख्या में पहुंचे किसानों ने नहर को चार में से दो समूहों चलाने को लेकर नारेबाजी करते रहे। सभा को गंगानगर किसान समिति संयोजक रणजीत सिंह, सीताराम नायक, सहाबुद्दीन पडि़हार, राकेश कस्वां, व्यापार मण्डल अध्यक्ष मोहनलाल सियाग, राजू जाट, सत्य प्रकाश आदि ने संबोधित किया।

निकाली आक्रोश रैली
सभा के बाद नई धान मंडी से किसानों ने बाजार में आक्रोश रैली निकाली और राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगाए। रैली सोसायटी रोड, सब्जी मंडी, मीणा मार्केंट होते हुए पुलिस थाना चौराहे पहुंची तथा उपखण्ड कार्यालय पहुंचकर उपखंड अधिकारी को ज्ञापन दिया।

ज्ञापन पर विवाद
उपखंड कार्यालय के आगे सड़क पर किसान पड़ाव डालकर बैठ गए। बड़ी संख्या में किसानों के सड़क पर बैठते ही एक बारगी पुलिस व प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। किसानों ने मांग की अधिकारी उनके बीच आकर ज्ञापन लें। ज्ञापन सौंपने के आपसी विवाद को लेकर किसानों व अन्य पदाधिकारियों के बीच कहासुनी हो गई।

गंगानगर किसान समिति के सदस्यों ने कहा कि एसडीएम कार्यालय से बाहर आए और सड़क पर ही किसान ज्ञापन सौंपेंगे। काफी देर बाद उपखण्ड अधिकारी रमेश देव कार्यालय से बाहर आए व कार्यालय गेट के बाहर किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा।

प्रशासन रहा मुस्तैद
सुरक्षा के लिहाज से पुलिस प्रशासन मुस्तैद रहा। वृत्ताधिकारी ईस्माइल खां के नेतृत्व में खाजूवाला, छतरगढ़, दंतौर व पूगल सर्किल थाना की जवान मौके पर मौजूद रहे। खाजूवाला थानाधिकारी विक्रमसिंह चारण, पूगल थानाधिकारी नरेश निर्माण व पुलिस लाइन से अतिरिक्त जाब्ता एेहतियात के तौर पर बुलाया था। प्रशासन की ओर से तहसीलदार सूरजभान बिश्नोई सहित अन्य अधिकारी इस आंदोलन की रिपोर्ट लेने के लिए मौके पर मौजूद रहे।

चार में से दो समूह में मिले सिंचाई पानी
श्रीकोलायत. इन्दिरा गांधी नहर परियोजना के द्वितीय चरण में जल वितरण एवं उपयोग परामर्शदात्री समिति की जैसलमेर में बैठक हुई। बैठक में श्रीकोलायत विधायक भंवरसिंह भाटी ने बीकानेर , जैसलमेर व श्रीगंगानगर जिले के किसानों द्वारा सिंचाईं पानी की मांग को लेकर आंदोलन के बारे में अवगत करवाया व किसानों की चार में से दो समूह में पानी चलाने की मांग को जायज ठहराया।

विधायक भाटी ने बताया कि इस वर्ष पोंग बांध का जलस्तर अधिकतम स्तर पर है। एेसे में नहरी क्षेत्र के किसानों को चार में से दो समूह में पानी दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि रबी की फसल की बिजाई व पकावके लिए 4 दिसम्बर 2017 से 31 मार्च 2018 तक चार में से दो समूहों में पानी चलाया जाने की बात कही।

चार में से दो समूह में पानी की अवधि बढ़ाएं
लूणकरनसर विधायक मानिकचंद सुराना ने इन्दिरा गांधी नहर परियोजना से जुड़े काश्तकारों को रबी फसलों के लिए चार में से दो समूह सिंचाई पानी की बारी 8 जनवरी 2018 तक बढ़ाने की मांग को लेकर इगांनप (नार्थ हनुमानगढ़) के मुख्य अभियंता के.एल. जाखड़ से वार्ता कर उठाई है।

विधायक सुराना ने बताया कि काश्तकारों को 4 दिसम्बर से 21 दिसम्बर 2017 के मध्य सिर्फ एक बारी देने के बजाय सिंचाई पानी की उपलब्धता को देखते हुए 8 जनवरी २018 तक दो बार सिंचाई पानी बारी दी जाए। उन्होंने मुख्य अभियंता जाखड़ को अवगत करवाया कि गत 14 अक्टूबर को सूरतगढ़ की हुई

कमेटी की बैठक में उनके सुझाव को मानकर चार में से दो समूहि चलाते आज घड़साना, रावला, खालूवाला, लूणकरनसर में किसानों के आंदोलन व धरने की नौबत नहीं आती है। उन्होंने बताया कि नवम्बर से 12 दिसम्बर तक दो बार पानी चलाने से चने, सरसों समेत अन्य फसलों की बिजाई हो जाती। लेकिन अब ऐसी स्थिति नहीं है।