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सरकार की अनदेखी के चलते जिले के किसान मूंग की फसल औने-पौने दाम में बेचने को मजबूर हैं। मूंग के 45 से 48 सौ रुपए प्रति क्विंटल मिल रहे हैं, जबकि उसका समर्थन मूल्य 5,225 रुपए प्रति क्विंटल है।
एेसे में किसानों को प्रति क्विंटल करीब चार सौ से सात सौ रुपए प्रति क्विंटल की चपत लग रही है। फिलहाल अनाज मण्डी में प्रतिदिन एक हजार मूंग की बोरियां बोली के लिए आ रही हैं। किसानों को लग रही चपत के चलते वे न केवल चिंतित हैं, बल्कि सरकार की बेरुखी से नाराज भी।
व्यापारियों की मानें तो मूंग की आवक से पहले इसकी कीमतें पांच हजार रुपए प्रति क्विंटल को छू गई थी, लेकिन जैसे ही मूंग की आवक शुरू हुई इसकी कीमतें गिरनी शुरू हो गई।
एक सितम्बर से होनी थी खरीद
कच्ची आढ़त व्यापार संघ के अध्यक्ष मोतीलाल सेठिया ने बताया कि कृषि विभाग ने एक सितम्बर से मूंग की सरकारी खरीद शुरू करने की घोषणा की थी। लेकिन अभी तक जिले में मूंग खरीद के लिए केन्द्र तक घोषित नहीं किया गया है।
किसान अपनी फसल को औने-पौने दाम में बेचने को मजबूर है। सेठिया के अनुसार नोखा बेल्ट जहां मूंग और मोंठ का गढ़ माना जाता है, वहां वर्तमान में मजबूरी वाले किसान ही पहुंच रहे हैंं, यहीं हाल बीकानेर अनाज मण्डी का है।
चने में भी हुआ था यही खेल
कुछ एेसे ही हाल चने की खरीद के दौरान भी हुए थे। असल में जिस समय चने की अधिकांश फसल अनाज मण्डियों में पहुंच चुकी थी, तब सरकार ने चने की खरीद शुरू की थी।
एेसे में किसानों से औने-पौने दाम में खरीद किए गए चने को फिर बिचौलियों ने सरकार को महंगी कीमतों में बेचे थे। चने की खरीद के दौरान किसानों को जमकर नुकसान उठाना पड़ा था।
मजबूरी में बेच रहे हैंं
मूंग की फसल को मजबूरी में बेचना पड़ रहा है। त्योहार के चलते रुपयों की जरूरत हर किसान को महसूस होती है। इस मजबूरी का व्यापारी और सरकार फायदा उठा रही है। समर्थन मूल्य से नीचे मूंग की बिक्री हो रही है, इसके बावजूद सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है।
सोमवार तक केन्द्र आवंटित हो जाएंगे, इसी सप्ताह बीकानेर और नोखा में मूंग की सरकारी खरीद शुरू हो जाएगी। इस संबंध में किसान प्रतिनिधियों की ओर से भी मांग निकल कर आ रही है।
के.के. शर्मा, क्षेत्रीय प्रबंधक राजफैड, बीकानेर
Published on:
18 Oct 2016 01:25 am
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