नामांकन के आंकड़े : सरकारी बनाम निजी स्कूल
शिक्षा सत्र – सरकारी बनाम निजी स्कूल2018-19 – 82,58,519 – 83,27,250
2021-22 – 97,15,989 – 75,16,590
2024-25 – 78,03,846 – 98,20,465
राजस्थान हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी, कहा- स्कूलों में कला शिक्षकों की भर्ती के लिए क्या कर रही सरकार
गिरावट की तस्वीर
2021-22 कोविडकाल सरकारी स्कूलों में कुल नामांकन था – 97,15,9892024-25 घटकर रह गया – 78,03,846
(यानी तीन वर्षों में करीब 19 लाख छात्रों की कमी दर्ज की गई है)
सरकारी स्कूलों में क्यों घट रहे छात्र
1- 1.28 लाख शिक्षक पद रिक्त। एकल शिक्षक कई कक्षाएं संभालते हैं, जिससे शिक्षण गुणवत्ता प्रभावित होती है। बच्चों का स्कूल छोड़ने का खतरा बढ़ता है।2- मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना में दूध वितरण में देरी। मिड-डे मील की गुणवत्ता खराब, जिससे बच्चों की उपस्थिति पर नकारात्मक असर पड़ा।
3- शिक्षकों की कमी से स्कूलों में तालाबंदी की घटनाएं हुई। शिक्षा विभाग नए विद्यार्थियों के लिए स्कूलों में कक्षा से लेकर शिक्षकों तक की व्यवस्था नहीं कर पाया।
4- छात्रवृत्ति योजनाएं अपर्याप्त, जिससे परिवार बच्चों को स्कूल भेजने में असमर्थ होते हैं।
5- ड्रॉपआउट रोकने के लिए प्रभावी निगरानी तंत्र नहीं। स्कूल प्रशासन और शिक्षा विभाग में जवाबदेही का अभाव, जिससे समस्याओं का समय पर समाधान नहीं होता।
6- सरकारी स्कूलों में व्यावहारिक और डिजिटल शिक्षा की कमी, जिससे बच्चे और अभिभावक निजी स्कूलों को प्राथमिकता देते हैं।