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Cervical Cancer : छत्तीसगढ़ में सवाईकल कैंसर का कौन सा स्ट्रेन… शोध शुरू, रिजल्ट आने पर मरीजों का हो सकेगा इलाज

Cervical Cancer Alert : देशभर में तेजी से बढ़ रहा सर्वाइकल कैंसर स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती साबित हो रहा है।

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Cervical Cancer Alert : देशभर में तेजी से बढ़ रहा सर्वाइकल कैंसर स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती साबित हो रहा है। इसे देखते हुए आयुर्विज्ञान संस्थान सिम्स के कैंसर डिपार्टमेंट ने इस पर विशेष शोध शुरू किया है। इसमें मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ में कौन सा स्ट्रेन है, इस पर खोज की जा रही है। ताकि यहां के मरीजों का सटीक इलाज हो सके। विश्व में मुख, गला व ब्रेस्ट के बाद सिम्स के कैंसर डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. चंद्रहास ध्रुव के अनुसार अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग स्ट्रेन हो सकते हैं।

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दो ही स्ट्रेन को आधार मानकर इलाज करने से सभी मरीजों पर यह कारगर नहीं हो सकता, लिहाजा क्षेत्रानुसार इस पर शोध जरूरी है। यही वजह है कि इस पर 6 सदस्यीय डॉक्टरों की टीम गठित कर गहनता से शोध शुरू किया गया है। इसके लिए राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले सर्वाइकल कैंसर मरीजों की 'पैप स्मियर टेस्ट' के माध्यम से स्ट्रेन को परखा जा रहा है। इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों में जाकर भी इससे संबंधित जांच की जाएगी। जल्द ही इस दिशा में कुछ परिणाम देखने को मिल सकता है।

के सबसे ज्यादा कैंसर मरीजों की संख्या । इसी की है। छत्तीसगढ़ में सवा लाख से ■द ज्यादा इसके मरीज है। जबकि आयुर्विज्ञान संस्थान सिम्स की बात करें तो यहां हर रोज 10 नए मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं।

- दिल्ली नागौर नर्मदापुरम पाली बाड़मेर बांसवाड़ा

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बीपी सिंह, डायरेक्टर प्रोफेसर एंड एचओडी डिपार्टमेंट आफ पैथोलॉजी सिम्स।

सर्वाइकल कैंसर के कई कारण हो सकते हैं। जिसमें शारीरिक स्वच्छता पर ध्यान न देना, जल्दी विवाह, एक से अधिक सेक्स पार्टनर रिलेशनशिप, नशाखोरी, गुप्तांग में इन्फेक्शन, कमजोर इम्यूनिटी, फैमिली हिस्ट्री प्रमुख कारण हैं। यानी उक्त कारणों को

ध्यान में रख सतर्कता बरतने से इस बीमारी से बचा जा सकता है, इसके बावजूद इसके मरीजों की संख्या व मौत के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं। इसकी मुख्य वजह जागरुकता में कमी भी मानी जा सकती है। लिहाजा इसे लेकर पूरी सावधानी बरतनी जरूरी है।

टीम में ये शामिल: एचओडी कैंसर डिपार्टमेंट सिम्स डॉ. चंद्रहास ध्रुव, सदस्य डॉ. हेमू टंडन, डॉ. जागेश्वर, डॉ. उपासना, डॉ.कुसुम, १ माइक्रोबायोलॉजी सेक्शन हेड डॉ. रेखा बारपात्रे शामिल हैं