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School closed: 31 दिसंबर तक बंद रहेंगे स्कूल, दफ्तर, CG में 4.50 लाख कर्मचारियों की हड़ताल से बढ़ी परेशानी

School closed: छत्तीसगढ़ में 4.50 लाख कर्मचारियों की निश्चितकालीन हड़ताल से दफ्तरों में काम काज पूरी तरह से ठप पड़ा है। बता दें कि 31 दिसंबर तक स्कूलों को बंद करने का ऐलान किया है..

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CG Schools Closed

प्रदेशभर के कर्मचारी आज से हड़ताल पर, पढ़ाई होंगी प्रभावित ( Photo - प्रतीकात्मक )

CG School closed: छत्तीसगढ़ के 450,000 कर्मचारी आज से तीन दिवसीय निश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इससे एक ओर जहां दफ्तरों में सन्नाटा पसरा हुआ है तो वहीं स्कूलों को बंद करने की घोषणा से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। छत्तीसगढ़ कर्मचारी और अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले यह निश्चितकालीन हड़ताल हो रहा है। बता दें कि फेडरेशन ने महंगाई भत्ता, चार स्तरीय वेतनमान, 300 दिन का अर्जित अवकाश नकदीकरण सहित 11 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।

School closed: कर्मचारियों से की सहयोग की अपील

हड़ताल को सफल बनाने के उद्देश्य से फेडरेशन के पदाधिकारियों द्वारा 26 दिसंबर 2025 को जल संसाधन विभाग, वन विभाग, कृषि विभाग, तहसील कार्यालय, नगर निगम सहित विभिन्न शासकीय कार्यालयों में व्यापक जनसंपर्क किया गया। पदाधिकारियों ने कर्मचारियों को हड़ताल के उद्देश्यों से अवगत कराते हुए इसमें सक्रिय सहभागिता का आग्रह किया। फेडरेशन ने 29 से 31 दिसंबर तक सभी कर्मचारियों से नेहरू चौक, बिलासपुर में स्थापित धरना पंडाल में उपस्थित होकर आंदोलन को मजबूती प्रदान करने का आह्वान किया है।

जनसंपर्क अभियान में फेडरेशन के पदाधिकारी जी. आर. चंद्रा, रोहित तिवारी, किशोर शर्मा, राजेश पांडे, रमेश द्विवेदी, आलोक परांजपे, राजेश वस्त्रकार, संतराम लहरे, आर. गजभिए, जी. मेश्राम सहित अनेक साथी शामिल रहे।

दफ्तरों में सन्नाटा

अधिकारी, कर्मचारियों के हड़ताल का असर बेमेतरा जिला मुख्यालय में दिख रहा है। कार्यालय की कुर्सी खाली है, एक भी कर्मचारियों के नहीं होने से कामकाज पूरी तरह से ठप पड़ा है। इधर अपने काम को लेकर दफ्तर पहुंचे लोग परेशान नजर आए। यह हाल सभी प्रमुख शहरों में है।

एक दिवसीय हड़ताल के बाद बनाई रणनीति

फेडरेशन के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार लंबे समय से कर्मचारियों की जायज़ मांगों को नज़रअंदाज़ कर रही है। बार-बार ज्ञापन, मीटिंग और बातचीत के बाद भी कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया है। इस अनदेखी और बेरुखी के खिलाफ अब कर्मचारियों ने निर्णायक आंदोलन का रास्ता चुना है। फेडरेशन के अधिकारियों ने बताया कि पूरे राज्य में आंदोलन की पूरी रणनीति बना ली गई है। इससे पहले 22 अगस्त को जिला स्तर पर एक दिन का विरोध प्रदर्शन किया गया था, लेकिन सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। सिर्फ आश्वासन ही दिए गए।