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देश-विदेश में धूम मचा रहा छत्तीसगढ़ का गेड़ी नृत्य

बांस पर नृत्य करने की कल्पना मात्र ही लोगों को आश्चर्य में डाल देती है। लेकिन हमारे ही शहर के गेड़ी नृत्य कलाकारों को बांस पर लय व ताल के साथ नृत्य करने में महारथ हासिल है।

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Kajal Kiran Kashyap

Jun 15, 2016

Chhattisgarh Gedi Dance Rock in abroad

Chhattisgarh Gedi Dance Rock in abroad

बिलासपुर. बांस पर नृत्य करने की कल्पना मात्र ही लोगों को आश्चर्य में डाल देती है। लेकिन हमारे ही शहर के गेड़ी नृत्य कलाकारों को बांस पर लय व ताल के साथ नृत्य करने में महारथ हासिल है। उन्होंने देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी अपनी कला का प्रदर्शन करके लोगों का मन मोह लिया।

लोक कलाकारों की संख्या बहुत कम है, उन्हीं चुनिंदा लोगों में गेड़ी नृत्य के कलाकार भी हैं। यह कला विलुप्ति के कगार पर है, जिसे संरक्षित करने के लिए अनिल गढ़ेवाल अपने बूते पर जी-जान से जुटे हुए हैं। वे खुद भी गेड़ी नृत्य में पारंगत हैं।
छत्तीसगढ़ी गेड़ी लोक नृत्य छत्तीसगढ़ राज्य की पुरातन लोक संस्कृति में से एक है। इसका प्रदर्शन हरेली पर्व पर किया जाता है। एेसी मान्यता है कि यह लोक नृत्य 2000 वर्ष से अधिक पुराना है। इस नृत्य परंपरा को लोकशृंगार भारती के लोक कलाकारों ने पुनर्जीवित किया है। अत्यंत जोखिम व कठिन नृत्य होने के साथ ही सरकार की मदद के अभाव में यह नृत्य परंपरा विलुप्त होने के कगार पर है।

पारंपरिक नृत्य से लगाव के कारण लोक श्रृंगार भारती के कलाकार इस कला को जीवन भर प्रसारित करने की बात कहते हैं। 15 सदस्यीय दल गेड़ी नृत्य का बेहतरिन प्रदर्शन करता है। इसमें दल प्रमुख अनिल गढ़ेवाल के अलावा कृष्णा डोंगरे, संजय रात्रे, राम गोपाल, भरत वस्त्रकार, सुनील गेंदले, धर्मेन्द्र खांडे, सोहन दास, मनोज मांडले, सूरज खांडे, प्रभात बंजारे, लक्ष्मीनारायण मांडले, घनश्याम ओग्रे, विनोद रात्रे, अर्जुन भारद्वाज, रमांकात मांडले, फूलचंद ओग्रे, संतोष कुर्रे शामिल हैं।

क्या है गेड़ी नृत्य
गेड़ी नृत्य छत्तीसगढ़ का पुरातन व पारंपरिक लोक नृत्य है। यह हरेली पर्व से जुड़ा हुआ लोक नृत्य है। अंचल का प्रथम पर्व है। इस दौरान गेड़ी का विशेष महत्व होता है। गेड़ी बांस से तैयार की जाती है। इसकी ऊंचाई 6 से 7 फीट होती है ऊंचाई पर पैर रखने के लिए नारियल की रस्सी से बांस की खपच्ची बांधी जाती है और गेड़ी को तैयार किया जाता है। गेड़ी में चढ़कर लय व ताल से गेड़ी नृत्य का प्रदर्शन किया जाता है।

इंडियाज गॉट टैलेंट में चकित थे जज
गेड़ी नृत्य कलाकार अनिल गढ़ेवाल ने बताया कि गेड़ी नृत्य का प्रदर्शन इंडियाज गॉट टैलेंट में किया गया था। गेड़ी नृत्य को देखकर शो की जज किरण खेर ने चकित होकर कहा था कि बांस पर लय व ताल के साथ ढाई फीट ऊपर नृत्य करना बहुत बड़ी कला है।

मिले हैं कई पुरस्कार
यहां के कलाकारों ने उड़ीसा राज्य के कटक में प्रथम पुरस्कार व पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय गीत संगीत प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया। अभी तक 13 राज्यों का भ्रमण कर प्रस्तुति दे चुके। इसके साथ ही रसिया, बांग्ला देश, बुल्गारिया, चाइना, फिनलैण्ड, ग्रीस, इरान, नेपाल, थाईलैण्ड में प्रदर्शन करके सम्मानित हुए।