
Green Energy : मानव सभ्यता को बचाए रखने के लिए बेहद जरूरी है क्लीन एनर्जी, पेट्रोल - डीजल के इस्तेमाल से पृथ्वी को पहुंच रहा नुकसान
Importance Of Green Energy : बिलासपुर. वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत के इस्तेमाल को लेकर शहर के रवैया काफी सुस्त है। क्रेडा से प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले तीन सालो में महज 20 लोगों ने अपने घरो में सोलर पैनल पावर ग्रिड लगाने के लिए आवेदन दिया है।
हाइड्रोजन पर भी काम करने की तैयारी
प्रशांत बताते हैं कि 8 राज्यों के 27 शहरों को केद्र सरकार ने चिन्हित किया है। यहां 104 पेट्रोल पंप में 20 प्रतिशत ऐथेनॉल के साथ पेट्रोल मिलेगा। यही पेट्रोल नए वाहन के लिए उपयोग में लाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि हाइड्रोजन पर भी काम करने की तैयारी है, जिससे प्रदूषण को कम किया जा सकेगा, जिससे हवा भी काफी शुद्ध हो सेकगी।
किफायती दामों पर एथेनॉल से दौड़ेंगी गाड़ियां
पेंड्रा के रहने वाले प्रशांत के बेनर्जी को क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में किए गए उनके कार्यो के लिए ब्राजील ने "ऑर्डर ऑफ डे रियो ब्रांको" सम्मान से नवाजा है। प्रशांत सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोटिव मैन्युफेक्चरर्स (एसईएएम) के कार्यकारी निदेशक भी है। उन्होंने बताया कि बताया कि ब्राजील में 10 प्रतिशत एथेनॉल और फिर 20 प्रतिशत तक एथेनॉल का प्रयोग किया गया, जिसमे सफल रहे हैं।
हर साल 20 अगस्त को अक्षय ऊर्जा दिवस मनाया जाता है
हर साल 20 अगस्त को अक्षय ऊर्जा दिवस मनाया जाता है। इसका प्रमुख उद्देश्य है कि स्वच्छ ईंधन की तरफ बढ़ना। वही अलग अलग प्राइवेट सर्विस प्रोवाइडर की माने तो शहर में बीते कुछ सालो में उन्होंने बेहद ही कम व्यापार किया है। सोलर पावर की का इस्तमाल सरकारी ऑफिसों और सरकारी योजनाओं में ही अधिक देखने को मिल रहा है।
अलग अलग सरकारी ऑफिसों में अब तक कुल 814 किलोवाट के संयंत्र लगाए जा चुके है। पेट्रोल डीजल पर निर्भरता खत्म करने के लिए राज्य में ईवी को बढ़ावा दिया जा रहा है। इलेक्ट्रिक वेहिकल्स को लेकर राज्य में अच्छा रिस्पांस देखने को मिल रहा है। वर्ष 2022-23 के दौरान कुल 27 हजार 695 इलेक्ट्रिक कार की बिक्री की गई थी।
ऑटोमोबाइल एसोसिएशन की माने तो आने वाले दिनों में इसमें अधिक वृद्धि की उम्मीद है। सेंट्रल यूनिवर्सिटी के फॉरेस्ट्री विभाग के प्रोफेसर अजय सिंह बताते है कि क्लीन एनर्जी के तरफ बढ़ना मानव सभ्यता को बचाए रखने के लिए बेहद जरूरी है। ईंधन के लिए लगातार बढ़ रहे कोल और पेट्रोलियम के इस्तमाल का हमारे पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा रहा है।
इसके चलते ग्लोबल वार्मिंग, सागर का लगातार बढ़ता जलस्तर, पृथिवी के लगातार बढ़ते तापमान सब के लिए मुख्यता यही जिम्मेदार है। हमें जल्द से जल्द इसके विकल्पों की तरफ रुख करना होगा ताकि हम अपनी नेट जीरो कार्बन एमिशन के लाक्ष तक पहुंच सके।
Published on:
20 Aug 2023 05:42 pm
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