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सावन में महिलाएं सुहाग की सामग्री माता गौरी को चढ़ाएं, दांपत्य जीवन में बनी रहेगी खुशहाली

सावन का महीना महादेव और माता पार्वती के पूजन का महीना है। इस महीने में ही माता पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर महादेव उनसे विवाह के लिए राजी हुए थे, इसलिए ये महीना भोलेनाथ और माता पार्वती दोनों को अत्यंत प्रिय हैं। इस माह में माता पार्वती और महादेव का पूजन करने से मनोकामना पूरी होती है, साथ ही वैवाहिक जीवन की समस्त परेशानियां दूर होती हैं और दांपत्य जीवन में खुशहाली बनी रहेगी।

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In Sawan, women should offer Suhag material to Mata Gauri, there will be happiness in married life

तीन महीने से भाई की हत्या की फिराक में था चचेरा भाई,तीन महीने से भाई की हत्या की फिराक में था चचेरा भाई,In Sawan, women should offer Suhag material to Mata Gauri, there will be happiness in married life

बिलासपुर. सावन का महीना महादेव और माता पार्वती के पूजन का महीना है। इस महीने में ही माता पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर महादेव उनसे विवाह के लिए राजी हुए थे, इसलिए ये महीना भोलेनाथ और माता पार्वती दोनों को अत्यंत प्रिय हैं। इस माह में माता पार्वती और महादेव का पूजन करने से मनोकामना पूरी होती है, साथ ही वैवाहिक जीवन की समस्त परेशानियां दूर होती हैं और दांपत्य जीवन में खुशहाली बनी रहेगी।
महिलाएं सावन के महीने में सावन के सोमवार, मंगला गौरी व्रत और हरियाली तीज जैसे व्रत रखकर अपने खुशहाल वैवाहिक जीवन और पति की दीर्घायु की कामना करती हैं। भैरव मंदिर के पुजारी पं. राजेंद्र दुबे ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में सुहागिन महिलाएं सच्चे मन से भगवान भोलेनाथ की पूजा करें तो उनके पति की आयु भी लंबी रहती है। उनके दांपत्य जीवन में खुशहाली बनी रहती है और घर में भी कभी धन धान्य की कमी नहीं होती।
सावन का महीना विवाहित स्त्रियों के लिए विशेष माना जाता है। इस महीने में महिलाएं शिवजी की पूजा करके अपने पति की दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त कर सकती हैं और अपने लिए अखंड सौभाग्यवती रहने सुख प्राप्त कर सकती हैं। शास्त्रों में सुहागिन महिलाओं के लिए सावन से जुड़े कुछ नियम बताए गए हैं। सावन के महीने में महिलाओं को रोजाना शिवजी की पूजा करनी चाहिए और कम से हर सोमवार को व्रत करना चाहिए। रोजाना सुबह स्नान के बाद शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और उसके बाद पंचामृत से स्नान करवाएं। फिर अक्षत, फल, फूल चढ़ाएं। भगवान शिव की पूजा में सबसे जरूरी माना जाता है बेलपत्र। बेलपत्र के साथ भांग और धतूरा भी शिवजी को अर्पित करें। सफेद चंदन चढ़ाएं और उसके बाद सफेद मिष्ठान से भोलेबाबा को रोजाना भोग लगाएं।
पहनें हरी चूडिय़ां, हरे लाल व पीले वस्त्र
सुहागिन महिलाओं को अपने हाथ में हरी-हरी चूडि़य़ां जरूर पहननी चाहिए। इसके साथ ही सावन के महीने में अधिक से अधिक हरे, लाल और पीले रंग के वस्त्र ही पहनने चाहिए। सावन के महीने में सुहागिन महिलाओं के साथ-साथ कुंवारी कन्याओं को भी हाथों में मेंहदी लगानी चाहिए। ऐसा करने से जहां सुहागिन महिलाओं का दांपत्य जीवन खुशहाल रहता है, वहीं कुंवारी लड़कियों को मनचाहे पति की प्राप्ति होती है।
बिछिया और पायल जरूर पहनें
सावन के महीने में विवाहित महिलाओं के पैर में बिछिया और पायल जरूर रहना चाहिए। इससे घर में पार्वती संग भोले बाबा स्वयं पधारते हैं। महिलाओं को साक्षात लक्ष्मी का रूप माना जाता है। सावन के दिनों में महिलाओं को सुहाग का सामान माता पर चढ़ाना चाहिए और दान भी करना चाहिए। इससे मातारानी प्रसन्न होती हैं और अखंड सौभाग्य प्रदान करने के साथ पति की दीर्घायु का आशीर्वाद देती हैं।
मंगलवार व्रत का भी महत्व
सावन के महीने में सोमवार के साथ-साथ मंगलवार के व्रत का भी खास महत्व होता है। मंगला गौरी के इस व्रत में माता पार्वती की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है। सुहागिन महिलाओं के लिए यह व्रत करना बहुत शुभ माना जाता है। अगर आप व्रत नहीं भी करती हैं तो इस दिन श्रृंगार सामग्री का दान जरूर करें। ऐसा करके आप सदैव सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद मां पार्वती से प्राप्त करती हैं। सावन महीना आनंद का महीना होता है। यदि क्रोध आए तो ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करें।
राष्ट्रीय ब्राह्मण महासंघ की बहनों ने की सुहागिन पूजा
राष्ट्रीय ब्राह्मण महासंघ जिला बिलासपुर की बहनों ने सावन एवं अधिक मास में सुहागिन पूजा की यह प्रोग्राम कोषाध्यक्ष संजना मिश्रा के घर पर रखा गया जिसमें सभी बहनों को सुहाग की सामग्री मीठा एवं भोजन की उत्तम व्यवस्था की गई थी। कार्यक्रम में संभाग प्रभारी मीनू दुबे, कोषाध्यक्ष संजना मिश्रा, प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा पांडे, जिला अध्यक्ष अर्चना तिवारी, उपाध्यक्ष शशि प्रभा पांडे, माया बाजपेई, प्रेमलता तिवारी, शशि तिवारी, सचिव नैना पांडे,संगीता शर्मा, लता दुबे, शारदा तिवारी, अर्चना शुक्ला, रश्मि शुक्ला, पुष्पा शुक्ला, शोभा त्रिपाठी, दिव्या चतुर्वेदी, साधना दुबे, शुभदा पांडे, गीतू तिवारी, निधि तिवारी, नंदिनी तिवारी, पूर्णिमा मिश्रा, स्मृति मिश्रा ने बढ़ चढक़र हिस्सा लिया।