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Mahashivratri 2021: महाशिवरात्रि को बन रहा कल्याणकारी शिवयोग, जानिएं शुभ मुहूर्त में क्या और कैसे करें पूजा

- शिवरात्रि के दिन कल्याणकारी 'शिवयोग' भी रहेगा विद्यामान- शिवमंदिरों में महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2021) की तैयारी शुरू - कोविड 19 (COVID 19) के नियमों का भी रखा जाएगा ध्यान

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Shiv Puja Vidhi , Mahashivratri 2021 Dates

Shiv Puja Vidhi , Mahashivratri 2021 Dates

बिलासपुर. महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2021) का पावन पर्व 11 मार्च को है। शिवमंदिरों में इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। कोविड 19 के नियमों का भी ध्यान रखा जाएगा। सैनिटाइजिंग के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखा जाएगा।

ज्योतिषी पं. कान्हा तिवारी के अनुसार शिवरात्रि के दिन सुबह 9 बजकर 22 मिनट तक महान कल्याणकारी 'शिवयोग' भी विद्यामान रहेगा। इसके बाद सिद्धयोग आरम्भ हो जाएगा। महाशिवरात्रि का पर्व शिव और माता पार्वती की पूजा का विशेष दिन है। मान्यता के अनुसार इस दिन जो लोग सच्चे मन से भोलेनाथ की पूजा करते हैं, उनको सच्चा जीवन साथी मिल जाता है और हर कामना पूर्ण हो जाती है। अगर कोई मनोकामना है जो कि पूरी नहीं हो रही है तो आप इस दिन शिव जी का व्रत रखें और साथ में ही इन्हें बेलपत्र चढ़ाएं। ऐसा करने से भोले नाथ आपकी हर कामना को पूरा कर देंगे और जो आप चाहते हैं वो आपको मिल जाएगी।

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ज्योतिष में 'सिद्धयोग' को काफी शुभ माना जाता है और इस योग के दौरान किए गए सभी कार्य सफल होते हैं। इन योगों के दौरान शिव भगवान की पूजा करने से फल की प्राप्ति जरूर होती है । इन योगों के दौरान रुद्राभिषेक, शिव नाम कीर्तन, शिवपुराण का पाठ व शिव जी के मंत्रों का जाप करने से उत्तम फल मिलता है। इतना ही नहीं इस दौरान दान पुण्य करना व ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करना अतिशुभ माना गया है।

कुवांरी कन्याएं रखें व्रत
महाशिवरात्रि का दिन कुंवारी कन्याओं के लिए शुभ माना जाता है और इस दिन व्रत करने से सच्चा जीवन साथी मिलता है। कुंवारी कन्या सुबह के समय मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल जरूर अर्पित करें व गौरी मां की पूजा करें। मान्यता है कि ऐसा करने से एक साल के अंदर ही विवाह हो जाएगा और सच्चा जीवन साथी मिल जाएगा।

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शिवरात्रि व्रत की पूजा-विधि
मिट्टी के लोटे में पानी या दूध भरकर, ऊपर से बेलपत्र, आक-धतूरे के फूल, चावल आदि डालकर 'शिवलिंग' पर चढ़ाना चाहिए। शिव पुराण का पाठ और महामृत्युंजय मंत्र या शिव के पंचाक्षर मंत्र ऊं नम: शिवाय का जाप इस दिन करना चाहिए। साथ ही महाशिवरात्रि के दिन रात्रि जागरण का भी विधान है।