
File Photo ,National Lok Adalat : 'न्याय चला निर्धन के द्वार' को साकार करेगी राष्ट्रीय लोक अदालत,इन दिन होगा आयोजन
बिलासपुर - आगामी 9 सितंबर को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। जिला विधिक प्राधिकरण के राकेश सिंह सोरी ने बताया कि अब तक कुल 5 हज़ार मामले चिन्हांकित किए जा चुके है। वही इस लोक अदालत के दौरान दस हज़ार के करीब मामले न्यालय के समक्ष रखे जाएंगे। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि इस साल वार्ड क्रमांक 65 इमलीभाठा में मोहल्ला लोक अदालत का आयोजन किया जाना है। वही इससे पहले 13 मई 2023 को बिलासपुर जिले में आयोजित लोक अदालत के दौरान जिले के कुल 18 हज़ार 125 प्री लिटिगेशन और लंबित मामलों को लोक अदालत के समक्ष रखें गए थे जिनमे से 9 हज़ार 327 मामलो का निराकरण उसी दिन कर दिया गया था। जबकि इस साल आयोजित दो लोक अदालत में 49 हज़ार 275 मामलों रखे गए थे जिनमें से 26 हज़ार 386 मामलों का निस्तारण किया जा चूका है।
लोक अदालत उन नागरिको के लिए बेहद उपयोगी है जो अदालती खर्चे नहीं वहन कर सकते या जिनके पास कोर्ट तक पहुंचने के संसाधाओ की कमी है। वही लोअर कोर्ट में बड़ी संख्या में लंबित मामलों के चलते त्वरित सुनवाई होने के चांस काफी कम होते है। विचारण अथवा न्याय में विलम्ब से व्यक्ति की न्यायपालिका के प्रति आस्था में गिरावट आने लगती है। लोक अदालत त्वरित विचारण की दिशा में कदम उठाने की अनुशंसा करता है । लोक अदालत के माध्यम से मामलों (विवादों) का निपटारा पक्षकारों की सहमति से किया जाता है। इसमें न किसी पक्षकार की जीत होती है और न हार।
पिछले दो साल का गजब रिकॉर्ड
लोक अदालत के समक्ष वर्ष 2021 में कुल 3 लाख 55 हज़ार 961 और 2022 में 15 लाख 40 हज़ार 185 प्री लिटिगेशन और लंबित मामले रखे गए थे। मतलब इन दो वर्षो में 18 लाख 96 हज़ार 146 मामले लोक अदालत के समक्ष रखे गए जिनमे से कुल 12 लाख 60 हज़ार 6 मामलो का निस्तारण किया गया था। यह आकड़े साफ़ साफ़ यह दर्शाते है कि त्वरित और सस्ते माध्यम से अपने मामलों के निस्तारण के लिए एक राज्य का बड़ा तबका लोक अदालत की तरफ रुख कर रहा है।
नेशनल जुडिशल डाटा ग्रिड के मुताबिक
बिलासपुर के लोअर कोर्ट में सिविल और क्रिमिनल के कुल 52 हज़ार से अधिक मामले पेंडिंग है। अगर बात सिर्फ सिविल केसों की हो तो बिलासपुर जिले के लोअर कोर्ट में 13 हज़ार से अधिक सिविल मामले पेंडिंग है। जिनमे से 647 मामले पिछले 5 से 10 सालों से पेंडिंग है। वही 14 मामले पिछले 20 से 30 साल से पेंडिंग है। ऐसे में लोक अदालत सिविल मामलो को आपसी सहमति से तेजी से निस्तारण की सुविधा प्रदान करता है।
Published on:
03 Sept 2023 10:57 pm
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