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2 साल से जारी कोरोना गाइडलाइन और प्रोटोकॉल जल्द होंगे खत्म, असेसमेंट कर रही सरकार

24 मार्च 2020 को प्रभावी हुई थी गाइडलाइन, बीच-बीच में होते रहे बदलाव, केंद्र ने राज्यों को वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा था, कर सकते हैं खत्म, इसके साथ ही महामारी एक्ट की कार्रवाइयां भी हो जाएंगी बंद

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2 साल से जारी कोरोना गाइडलाइन और प्रोटोकॉल जल्द होंगे खत्म, असेसमेंट कर रही सरकार

2 साल से जारी कोरोना गाइडलाइन और प्रोटोकॉल जल्द होंगे खत्म, असेसमेंट कर रही सरकार,2 साल से जारी कोरोना गाइडलाइन और प्रोटोकॉल जल्द होंगे खत्म, असेसमेंट कर रही सरकार,2 साल से जारी कोरोना गाइडलाइन और प्रोटोकॉल जल्द होंगे खत्म, असेसमेंट कर रही सरकार

बरुण सखाजी. बिलासपुर

कोरोना संक्रमण को लेकर साल 2020 से लागू गाइडलाइन जल्द ही खत्म कर दी जाएगी। इस संबंध में केंद्र ने सभी राज्यों को निर्देशित किया है। केंद्र ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया है कि राज्य इस संबध में असेसमेंट के आधार पर निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं। आमतौर पर लोग इसका अनुपालन न के बराबर ही कर रहे हैं, लेकिन इसके लागू रहने से एजेंसियों के पास कार्रवाई के अधिकार बरकरार हैं। इसके रद्द होते ही महामारी एक्ट के तहत कार्रवाइयां खत्म हो जाएंगी और प्रशासनिक मशीनरी को इस एक्ट के तहत मिली इंसीडेंट कमांडर वाली शक्तियां भी स्थगित हो जाएंगी।

राज्यों को लेना है फैसला

इस संबंध में राज्य अपने स्तर पर कोरोना संक्रमण का असेसमेंट करके गाइडलाइन और प्रोटोकॉल हटाने की घोषणा कर सकते हैं। छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इसके तहत 4 फीसद से कम संक्रमण दर वाले इलाकों में यह गाइडलाइन प्रभावी नहीं रहेगी।

रेलवे, केंद्रीय विद्यालयों में बरकरार

केंद्र के विभागों में सबसे ज्यादा इसका असर केंद्रीय विद्यालयों और रेलवे में दिखता है। अभी भी रेलवे की टिकटों में गाइडलाइन के पालन की अपील की जाती है। टिकट जारी करने से जुड़ी बंदिशें भी लगा रखी हैं। इसके तहत प्लेटफॉर्म टिकट, वेटिंग टिकट आदि पर असर पड़ रहा है। इसी तरह केंद्रीय विद्यालयों में हाल ही में स्कूल खोले गए हैं। इसमें भी गाइडलाइन पालना की बात कही गई है। इस पर केंद्र का तर्क है कि सभी केंद्रीय विभाग किसी न किसी राज्य में संचालित होते हैं, ऐसे में जब भी संबंधित राज्य इसका फैसला लेंगे स्वतः ही केंद्रीय विभागों में भी यह लागू हो जाएगा।

सबसे ज्यादा चालान मास्क के

कोरोना गाइडलाइऩ अनुपालन संबंधी एजेंसियों ने सबसे ज्यादा चालान मास्क के बनाए हैं। देशभर में इसी तरह के मामले ज्यादा देखे गए थे। एक एजेंसी के मुताबिक देशभर में महामारी एक्ट की कार्रवाई में 92 फीसद मामले मास्क न पहनने पर बने चालान हैं।

आप समझिए, क्या होगा जब यह खत्म हो जाएगी

प्रश्न- क्या मास्क पहनना जरूरी नहीं रहेगा?
उत्तर- इसके उल्लंघन पर दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जा सकेगी।
प्रश्न- क्या फिर प्रोटोकॉल भी हट जाएगा?
उत्तर- यह संबंधिति एजेंसियों पर निर्भर करेगा।
प्रश्न- सेनेटाइजर की अनिवार्यता खत्म हो जाएगी क्यां?
उत्तर- हां, लेकिन हेल्थ संबंधी इकाइयां इसे प्रीकॉशन लेवल पर जारी रख सकती हैं।
प्रश्न- क्या संक्रमण फिर से होने की स्थिति में यह फिर बहाल हो सकती है?
उत्तर- हां, 4 फीसद से ऊपर संक्रमण दर होने पर यह प्रभावी हो सकती है।
प्रश्न- क्या जिन पर महामारी एक्ट की कार्रवाई हुई है वह भी खत्म हो जाएगी?
उत्तर- नहीं, इसके लिए या तो राज्य सरकार केस वापस ले या कोर्ट फैसला करे।
प्रश्न- क्या कहीं जाने-आने के लिए आरोग्यसेतु एप की अनिवार्यता रहेगी?
उत्तर- इसे ऐहितयातन रखा जा सकता है, लेकिन अनिवार्यता नहीं रहेगी।
प्रश्न- क्या वैक्सीन सर्टिफिकेट दिखाना जरूरी होगा?
उत्तर- यह कोरोना गाइडलाइन का हिस्सा नहीं है।

वर्जन

केंद्र से मिले निर्देश के अनुसार प्रक्रिया शुरू दी गई है। इसके तहत एक निश्चित संक्रमण दर को मापदंड बनाकर असेसमेंट जारी है।

- डॉ. सुभाष मिश्रा, प्रवक्ता, स्वास्थ्य विभाग, छत्तीसगढ़

वर्जन

रेलवे के पास इस तरह के कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं। जैसा विभाग से निर्देश होगा वैसा करेंगे।

- साकेत रंजन, सीपीआरओ, रेलवे