
100 रुपए में साल भर के लिए बनने वाले फूड लाइसेंस की जानकारी व्यापारियों को नहीं
एफएसएसएआई ने जारी निर्देश में कहा है कि बड़े व्यापारियों के साथ-साथ अब चाय, पकौड़ा बेचने वालों को भी लाइसेंस लेना होगा। इसके लिए प्रदेश स्तर पर सुविधाएं मुहैया करा दी गई हैं। शहर में चाय पकौड़ा समेत फूड सामग्री बेचने वालों की संख्या 70 हजार से अधिक है। शहर के हर गली कूचे और मुख्य मार्गों में खाद्य सामग्री बेचने वालों को इस नियम का पालन करते हुए लाइसेंस बनवाना जरूरी है। ऐसा नहीं करने पर ,खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग को व्यापारियों की दुकान और और गोदाम में कार्रवाई करने के अधिकार दिए गए है। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम के तहत रजिस्टर्ड होना और लाइसेंस बनवाकर व्यवसाय करना जरूरी होगा। ऐसे विक्रेताओं को लाइसेंस बनाने का एक मौका दिया गया है।
टर्न ओवर के अनुसार लाइसेंस
1. एफएसएसएआई के दो तरह के लाइसेंस होते है। इसमें पहला जिन व्यापारी का 12 लाख से टर्न ओवर कम होता है उनका लाइसेंस का रजिस्ट्रेशन किया जाता है। इसकी सालाना फीस 100 रुपए है। यह अधिकतम पांच साल के लिए बनता है। व्यापारी अगर चाहता है तो वह 500 रुपए देकर पांच साल का लाइसेंस ले सकता है।
2. जिन व्यापारियों का टर्न ओवर 12 लाख से अधिक है, उन्हें 2 से 5 हजार रुपए देकर लाइसेंस बनवाना होता है। यह महज एक साल के लिए ही बनता है।
3. किसी व्यापारी की अगर पैकेजिंग यूनिट है तो वह 3 हजार रुपए देकर लाइसेंस बनवा सकता है। यह लाइसेंस भी महज एक साल के लिए बनता है।
सजा और जुर्माने का प्रावधान
प्रत्येक खाद्य कारोबारी को एफएसएसएआई का लाइसेंस लेना जरूरी कर दिया गया है। दुकान, गोदाम, फैक्ट्री आदि में लाइसेंस नहीं होनेऔर इसे संचालित करते पाए जाने पर सील करने का प्रावधान है। होटल, रेस्टोरेंट, पानी विक्रेता, थोक खाद्य विक्रेता, डिस्ट्रीब्यूटर, स्टॉकिस्ट, मैन्यूफैक्चर, खुदरा खाद्य कारोबारी, ठेला-खोमचा वाले, फल-सब्जी विक्रेता को लाइसेंस बनवाना जरूरी है। लाइसेंस नहीं लेने वालों को छह माह की जेल या पांच लाख तक जुर्माना हो सकता है।
आवेदन में यह जरूरी
एक फोटो पहचान पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो, पहचान पत्र में व्यवसाय स्थल का पता दर्ज नहीं है तो व्यवसाय स्थल के स्वामित्व का दस्तावेज जैसे होल्डिंग संख्या या रेंट एग्रीमेंट
शहर समेत ग्रामीण क्षेत्रों के व्यापारी अनभिज्ञ
एफएसएसएआई के नए निर्देशों की जानकारी शहर समेत ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापारियों को नहीं है। चाय दुकान संचालक आकाश कश्यप,संतोष वर्मा, होटल संचालक विकास तिवारी, सतीश यादव, अशोक परवानी समेत कई व्यापारियों और व्यवसायियों को इसकी जानकारी नहीं है। इसके लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग को नियम का पालन करने से पहले जागरूक करना है, लेकिन विभाग ने अब तक इसकी शुरूआत नहीं की है।
नए निर्देश के तहत फूड लाइसेंस बनाए जा रहे हैं। शहर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के कई व्यवसायी और व्यापारी इससे अनजान हैं। समय-समय पर अभियान चलाकर इसकी जानकारी दी जा चुकी है। ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूता के लिए टीम बनाई जाएगी और जानकारी दी जाएगी।
मोहित बेहरा
ड्रग कंट्रोल, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग
Published on:
07 Aug 2023 08:37 pm
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