द हिमालयन टाइम्स ने शुक्रवार को महामारी विज्ञान और रोग नियंत्रण विभाग के निदेशक बिबेक कुमार लाल के हवाले से कहा, ”चूंकि उन लोगों का पता लगा पाना मुश्किल है, जिनमें लक्षण विकसित नहीं हुए हैं, इसलिए हमें चाहिए कि जिन देशों में कोरोनावायरस के संक्रमण के मामले कम से कम दो सप्ताह पहले आए हैं, वहां से नेपाल आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अलग रखा जाए।
लाल ने कहा कि लेकिन नेपाल के पास जरूरी प्रौद्योगिकी और संसाधन नहीं हैं, जो इस बात को सुनिश्चित कर सकें कि यह वायरस देश में आगे ना फैले। हिमालयी राष्ट्र नेपाल में अभी तक सीमा चौकियों पर थर्मल स्कैनर स्थापित नहीं हो सके हैं। हालांकि, अधिकारियों ने रसुवागड़ी में नेपाल-चीन सीमा चौकी को बंद कर दिया है। परंतु अन्य सीमा चौकियां लोगों की आवाजाही के लिए खुली हुई हैं।