वजह: आनुवांशिकता, जन्म के समय कान में विकृति, सांस लेने में दिक्कत, पीलिया व किसी रोग के लिए दिए जाने वाले इंजेक्शन से भी सुनने की क्षमता कम हो सकती है।
इलाज: यदि जन्म या 1-2 साल के दौरान कम सुनने के कारणों में कान में मध्य भाग में इंफेक्शन, गले में मौजूद गिल्टी (एडेनॉएड) के आकार में बढ़ने की समस्या है तो इसका इलाज संभव है। इसके अलावा हियरिंग एड से कम सुनने में दिक्कत दूर करने और बचपन में परेशानी की पहचान कर कॉक्लियर इंप्लांट उपयोगी साबित होता है।