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जब डिप्रेशन सताए, ताे ये उपाय आजमाएं

locationजयपुरPublished: Feb 26, 2019 02:49:23 pm

फैमिली हिस्ट्री, इच्छाओं का पूरा न होना, दिल टूटना, काम का प्रेशर, दिमागी संरचना में रासायनिक बदलाव

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जब डिप्रेशन सताए, ताे ये उपाय आजमाएं

डिप्रेशन या तनाव किसी भी उम्र के व्यक्ति हो सकता है। फैमिली हिस्ट्री, इच्छाओं का पूरा न होना, दिल टूटना, काम का प्रेशर, दिमागी संरचना में रासायनिक बदलाव और अकेलापन तनाव के कारण हो सकते हैं। आमतौर पर व्यक्ति को यह पता चल जाता है कि वह तनाव में है इसलिए यह स्थिति सिजोफ्रनिया से अलग है। इस दौरान व्यक्ति उदास रहने लगता है, नकारात्मक सोच, भविष्य की चिंता, भूख ज्यादा या कम लगना, नींद कम या ज्यादा आना, छोटी-छोटी बात पर गुस्सा आना, घरेलू या सामाजिक समारोह में जाने से कतराना जैसे लक्षण दिखने लगते हैं।
लाइलाज नहीं है तनाव
डिप्रेशन के इलाज के लिए विशेषज्ञ दवाओं और काउंसलिंग की मदद लेते हैं। शुरुआत में जो दवा दी जाती है आमतौर पर उसका असर तीन से चार हफ्ते में ही पता चल पाता है। यदि मेडिसिन का प्रभाव नहीं हो रहा होता है तो विशेषज्ञ अन्य एंटी डिप्रेसेंट दवाओं का प्रयोग करते हैं और कई बार स्थिति के अनुसार दो दवाओं का कॉम्बिनेशन भी दिया जाता है।
खानपान का भी रखें खयाल
संतुलित आहार और नियमित व्यायाम जैसे योगा, ध्यान डिप्रेशन से लडऩे में मददगार होते हैं। इस समस्या का पूरी तरह से इलाज कराना भी जरूरी होता है। साथ ही धूम्रपान व शराब से तौबा करनी चाहिए।
दवाओं का दुष्प्रभाव नहीं
लोगों में भ्रम है कि एंटी डिप्रेसेंट दवाओं के दुष्प्रभाव ज्यादा होते हैं जैसे नींद प्रभावित होना, मोटापा आदि। फिलहाल ऐसी दवाइयां भी मार्केट में उपलब्ध हैं जिनसे किसी प्रकार का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता।
ध्यान रखें ये बातें
अक्सर लोग स्थिति में सुधार होने पर दवाएं लेना छोड़ देते हैं लेकिन ऐसा करना गलत है। डिप्रेशन का इलाज 8-9 माह (डॉक्टर के बताए अनुसार) तक चलता है जिसे पूरा करना जरूरी होता है वर्ना तनाव दोबारा होने की आशंका रहती है।
परिवार दे प्यार
डिप्रेशन होने पर व्यक्ति को पूरी तरह से सपोर्ट दें।उसे मरीज न समझें। ऐसी बातें न दोहराएं जिनसे उसे तकलीफ होती हो।
व्यक्ति को अकेला न रहने दें।तनावग्रस्त व्यक्तिको उसकी क्षमताओं या उपलब्धियों का अहसास कराएं।

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