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गुस्से के कारण शरीर में पनपते हैं कई रोग

ज्यादा गुस्सा व गुस्सा दबाना, दोनों ही आदतें शरीर व दिमाग के लिए सही नहीं हैं। ये स्थितियां आपके लिए कई तरह की परेशानियां बढ़ा सकती हैं।

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जयपुर

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Vikas Gupta

Apr 03, 2019

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ज्यादा गुस्सा व गुस्सा दबाना, दोनों ही आदतें शरीर व दिमाग के लिए सही नहीं हैं। ये स्थितियां आपके लिए कई तरह की परेशानियां बढ़ा सकती हैं।

बोलने, हंसने या रोने की तरह गुस्सा भी भावना की स्वाभाविक अभिव्यक्ति है। लेकिन ज्यादा गुस्सा व गुस्सा दबाना, दोनों ही आदतें शरीर व दिमाग के लिए सही नहीं हैं। ये स्थितियां आपके लिए कई तरह की परेशानियां बढ़ा सकती हैं।

हृदय रोग : कई अध्ययनों में पाया गया कि गुस्सा कोरोनरी हृदय रोगों की आशंका बढ़ाता है। ऐसे में सामान्य व्यक्ति व खासतौर पर कोरोनरी हृदय रोग के मरीजों को इस आदत से बचना चाहिए।

घाव : गुस्से के कारण घाव भरने की प्रक्रिया भी धीमी हो जाती है। शोधकर्ताओं के अनुसार सर्जरी के बाद गुस्सा नहीं करना चाहिए।

हाई ब्लड प्रेशर : स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक गुस्सा छिपाने व दबाने वाले अक्सर हाई बीपी के मरीज हो जाते हैं।
फेफड़े : एक शोध के मुताबिक अक्सर गुस्सा करने वाले जोर-जोर से सांस लेेते हैं या हांफने लगते हैं व उनके नथुने फूल जाते हैं जिससे फेफड़ों पर दबाव बढ़ता है। ऐसे में उनके फेफड़ों के काम करने की क्षमता घट जाती है।

त्वचा संबंधी रोग : गुस्से से तनाव बढ़ता है सोरायसिस, एग्जिमा जैसे त्वचा रोगों का एक कारण मानसिक तनाव और अत्यधिक थकान भी है।

सिरदर्द : गुस्सा मस्तिष्क के कोर्टीसोल हार्मोन को प्रभावित करता है। इससे दिमाग को ऑक्सीजन सही से नहीं मिलती और सिरदर्द होने लगता है।

अवसाद-चिंता : गुस्से को अंदर दबाने से तनाव व नकारात्मकता पनपती है जो भविष्य में अवसाद या चिंता का कारण बन सकती है।
डायबिटीज : छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करने वालों में टाइप-टू डायबिटीज का खतरा ज्यादा होता है।
आपसी संबंध : अधिक गुस्से या कुंठित होने की स्थिति व्यक्तिके प्रोफेशनल व पारिवारिक रिश्तों को प्रभावित करती है।