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50 की उम्र के बाद भी मजबूत बनी रहेंगी हड्डियां, बस कर लें ये काम

Osteoporosis: Symptoms, Causes and Treatment : ऑस्टियोपोरोसिस को वृद्धावस्था का रोग भी कहा जाता है। एक तरह से यह बीमारी न होकर कमजोरी है, जो हड्डियों से जुड़ी है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार महिलाओं में हर तीन में से एक जबकि पुरुषों में हर आठ में से एक को यह बीमारी पाई जाती है।

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Osteoporosis: Symptoms, Causes and Treatment

Osteoporosis: Symptoms, Causes and Treatment : ऑस्टियोपोरोसिस को वृद्धावस्था का रोग भी कहा जाता है। एक तरह से यह बीमारी न होकर कमजोरी है, जो हड्डियों से जुड़ी है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार महिलाओं में हर तीन में से एक जबकि पुरुषों में हर आठ में से एक को यह बीमारी पाई जाती है।
- डॉ. आनंद प्रभाकर जोशी,
ऑर्थोपेडिक सर्जन, रायपुर (छग)

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Be active in youth युवावस्था में बनें सक्रिय
हड्डियों की ग्रोथ युवावस्था में सबसे अधिक होती है, अत: इस उम्र में खुद को सक्रिय बनाएं। आयरन-कैल्शियम रिच डाइट के साथ ही व्यायाम पर फोकस करें। इसमें वॉक, रनिंग सहित रिद्मिक इम्पैक्ट एक्सरसाइज से इन्हें मजबूत बना सकते हैं।

Stay away from these things इन चीजों से दूरी बनाएं
धूम्रपान व एल्कोहल जैसे व्यसन भी ऑस्टियोपोरोसिस के लिए जिम्मेदार होते हैं। साथ ही ये इस समस्या को बढ़ा भी देते हैं, अत: इनसे बचें। ५० की उम्र के बाद खाने में विटामिन डी3, कैल्शियम जैसे पोषक तत्त्वों की मात्रा बढ़ाएं। इनसे मजबूती मिलेगी।

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6.1 करोड़ लोग ऑस्टियो-पोरोसिस से ग्रस्त हैं भारत में। इनमें 80 फीसदी महिलाएं। -डब्लूएचओ

उम्र का फैक्टर
मेनोपॉज के बाद महिलाओं में और 55 वर्ष से अधिक उम्र में पुरुषों में ऑस्टियोपोरोसिस की आशंका होती है। एक रिसर्च के अनुसार, अधिक उम्र में 100 में से 30 लोगों की कूल्हे की हड्डी टूट जाती है, जिससे जीवन खतरे में पड़ जाता है।


आहार का विज्ञान
अधिक उम्र में दूध, चीज, डेयरी प्रोडक्ट्स सहित अच्छे स्वास्थ्य के लिए मौसम आधारित फल-सब्जियां, ड्राइ फ्रू ट्स, विटामिन व प्रोटीन से युक्त डाइट के साथ ही इम्युनिटी बूस्टर चीजें खाएं। ऑस्टियोपोरोसिस हो तो डॉक्टर से परामर्श करें।

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ये टिप्स ध्यान रखें

- कैल्शियम-प्रोटीनयुक्त डाइट लें।
- इसमें हड्डियां कमजोर होने लगती हैं, अत: ऐसा कोई काम न करें, जिससे इन्हें जोखिम का सामना करना पड़े।
- शारीरिक अभ्यास जरूरी है, अत: इसे इग्नोर न करें।
- लक्षण सामने आने पर तुरंत उपचार लें, ताकि इलाज हो सके।
- खुद से कोई इलाज न लें और न ही दवाइयां बीच में छोड़ें।