– शीर्षासन करने से ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है, मस्तिष्क में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ने से दिमाग सक्रिय होता है, ग्रंथियों की कार्य प्रणाली दुरुस्त होती है। – पेट के अंगों जैसे आमाशय, लिवर, किडनी आदि एक्टिव होते हैं और पाचन तंत्र ठीक रहता है।
विदेशों में शीर्षासन को इन्वर्जन थैरेपी के नाम से जाना जाता है जिसमें फ्लेक्सिबल बिस्तरनुमा टेबल पर यह आसन किया जाता है। पैरों को ग्रिप में बांधने के बाद शरीर को उल्टा लटकाया जाता है। इसमें पूरे शरीर का बोझ सिर या हाथों को नहीं उठाना पड़ता और चोट लगने की आशंका भी कम होती है। डिप्रेशन के शिकार लोगों के लिए भी यह फायदेमंद है।
जिन लोगों को ब्लड प्रेशर, हार्ट संबंधी बीमारी, आंखों की कमजोरी, कमर दर्द, गर्दन दर्द और असिडिटी जैसी परेशानियां हैं, वे इस आसन को बिल्कुल भी न करें। अगर यह आसन पहली बार कर रहे हैं तो किसी शीर्षासन योग शिक्षक की निगरानी में ही करें।