दरअसल, टीम के राइटर ने अपने कॉलेज के दिनों की बात बता रहे थे। उन्होंने बताया कि कॉलेज में वह गालियां नहीं देते थे बल्कि उनको घुमा फिराकर बोलते थे। उन्होंने कहा कि वो गाली की बजाए बस डीके बोस कहकर अपना गुस्सा उतारते थे। बस फिर क्या था उनकी इस बात से डायरेक्टर को गाना मिल गया।
इस बारे में खुद फिल्म के डायरेक्टर अभिनव ने एक न्यूज वेबसाइट से बात की। उन्होंने कहा, ‘मैं और गाने के डायरेक्टर राम संपत से गाने की हुक लाइन चाह रहा था। जो फिल्म से मिलता-जुलता हो। मैंने उनके तीन गाने रिजेक्ट कर दिए थे। देर रात तक मैं संपत के स्टूडियो में अपनी टीम के साथ था। ऐसे में हमें काफी चिंता हो रही थी कि गाने की हुक लाइन नहीं मिल रही है। इस बीच हम अपने स्कूल और कॉलेज की बातें भी कर रहे थे। इस दौरान टीम के राइटर ने बताया कि वह दिल्ली के कॉलेज में गालियों को मॉडिफाई करते थे। वो गाली नहीं देते थे बस डीके बोस बोलकर अपना गुस्सा उतार लेते थे।’
अभिनव ने आगे बताया, ‘इस बात को सुनते ही म्यूजिक डायरेक्टर राम संपत ने कहा कि मुझे बस दस मिनट दे दो। आपकी बातें सुनकर मुझे कुछ आइडिया आया है। इसके बाद 10 मिनट में ही गाना तैयार हो गया। गाने को सुनकर हम बहुत खुश हो गए। फिर देर रात को हमने आमिर को फोन लगाया। पहले तो वो देर रात आने में हिचक रहे थे लेकिन उसके बाद मेरे कहने पर वो आ गए। हमने डर-डरकर उन्हें गाना सुनाया। गाना सुनने के बाद आमिर पांच मिनट कर हंसते रहे। उन्होंने बस एक ही चीज मुझसे कही कि अभिनव तू मेरा करियर बर्बाद करने वाला है। लेकिन ये गाना इतना जबरदस्त है कि मैं न नहीं कर सकता।’