5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जब Amitabh Bachchan के लिए मुजाहिदीन ने 1 दिन के लिए रोक थी लड़ाई, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति ने की थी गुजारिश

अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan)के चाहने वाले देश में ही नही विदेशों में काफी है जिसका एक उदाहरण खुदागवाह की शूटिंग के दौरान देखने को मिला था।

2 min read
Google source verification

image

Pratibha Tripathi

Aug 15, 2021

 amitabh bachchan film khudagawah

amitabh bachchan film khudagawah

नई दिल्ली। बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) का नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं है। उन्होंने अपने अभिनय के चलते देश से लेकर विदेशों में भी अपनी अमिट छाप छोड़ी है। उनकी चाहत के लोग इतने दिवाने रहे हैं कि बिग-बी की एक झलक पाने के लिए फैंस हर दीवार को तोड़ देने पर आमादा रहते हैं, जिसका एक उदाहरण अफगानिस्तान (Afghanistan) में भी देखने को मिला था।

यह बात उस समय की है जब अमिताभ बच्चन अपनी फिल्म 'खुदागवाह' (Khudagavah) की शूटिंग करने अफगानिस्तान गए थे। उनके साथ श्रीदेवी (Shri Devi) भी थीं और जब बिग-बी वहां पहुंचे तब तत्कालीन राष्ट्रपति नजीबुल्लाह (Najibullah) की बेटी ने अपने पिता से गुजारिश की थी कि वो मुजाहिदीन (Mujahideen) से एक दिन के लिए लड़ाई रोकने की दरख्वास्त करें।

उसके बाद नजीबुल्लाह (Najibullah ने बेटी के कहने पर मुजाहिदीन से कहा था कि "बच्ची चाहती थी कि अमिताभ बच्चन जैसा इतना बड़ा स्टार भारत से अफ़ग़ानिस्तान आया है ऐसे में यदि लड़ाई बंद रहेगी तो वो शहर में घूम पाएँगे और लोग भी उन्हें देख पाएँगे।" क्योंकि अफ़ग़ानिस्तान में उन दिनों मुजाहिदीन की लड़ाई चल रही थी

इस बात का खुलासा भारत में अफ़ग़ानिस्तान के राजदूत रहे शाइदा मोहम्मद अब्दाली ने एक इंटरव्यू के दौरान किया था, उन्होंने बताया कि अमिताभ बच्चन के चाहने वालों की तादाद अफगानिस्तान में बहुत रही है। आपको बतादें कि 90 के दशक में अमिताभ बच्चन की चर्चित फ़िल्म 'खुदागवाह' आई थी जिसमें बहुत से सीन अफगानिस्तान में फिल्माए गए थे। उस समय अफ़ग़ानिस्तान में राष्ट्रपति नजीबुल्लाह थे। बता दें कि अमिताभ बच्चन ने भी फेसबुक पर अपने अफ़ग़ानिस्तान दौरे के समय की बातों का खुलासा किया था। अमिताभ ने बताया था कि राष्ट्रपति नजीबुल्लाह हिंदी फिल्मों के फ़ैन थे और वहां उन्हें शाही सम्मान दिया गया था।