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पिता के देहांत के बाद बस में कंडक्टर का काम करने लगे थे सुनील दत्त, 25 रुपए से की थी करियर की शुरूआत

हिंदी सिनेमा जगत के दिग्गज अभिनेता सुनील दत्त ने अपने करियर में बहुत उतार-चढ़ाव देखें हैं। जानें कैसे बस कंडक्टर से बन गए हीरो।

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Shweta Dhobhal

May 25, 2021

Sunil Dutt Death Anniversary Know About His Struggle Life Story

Sunil Dutt Death Anniversary Know About His Struggle Life Story

नई दिल्ली। हिंदी सिनेमा जगत में अभिनेता सुनील दत्त दिग्गज कलाकारों की श्रेणी में आते हैं। उन्होंने अपनी कला से सिनेमा को नई परिभाषा दी। साथ ही अपनी दर्शकों के भी दिल में अपनी एक्टिंग की छाप छोड़ दी। बेशक आज सुनील दत्त दुनिया में ना हो लेकिन उनका काम सालों बाद भी याद किया जाता है। आज ही के दिन यानी कि 25 मई को 2005 को सुनील दत्त का निधन हो गया था। सुनील दत्त की डेथ एनिवर्सरी पर उनसे जुड़ी कुछ खास बातें जानते हैं।

बचपन में ही हो गया था पिता का देहांत

हर सफल इंसान के पीछे उसकी जिंदगी के स्ट्रगल की कहानी छुपी होती है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि एक वक्त था जब सुनील दत्त ने बस में भी नौकरी की थी। जी हां, महज 5 साल की उम्र में ही सुनील दत्त के पिता का निधन हो गया था। वहीं सुनील दत्त मुंबई से अपनी पढ़ाई कर रहे थे। पिता के देहांत के बाद उनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई। पैसों की तंगी के चलते एक्टर को बस में कंडेक्टर की नौकरी करनी पड़ी थी।

25 रुपए की नौकरी शुरू हुआ करियर

सुनील दत्त अपनी खूबसूरती के साथ-साथ अपनी शानदार आवाज़ के लिए भी जाने जाते थे। अच्छी आवाज़ होने के चलते वह कॉलेज में नाटक करने लगे। वहीं एक बार कॉलेज में उनका प्ले देखने रेडियो के प्रोग्रामिंग हेड आए थे। सुनील की आवाज़ सुन वह काफी इम्प्रेस हुए और उन्होंने एक्टर को रेडियो में आरजे की नौकरी का ऑफर दे डाला। सुनील भी नौकरी पाकर काफी खुश हो गए और झट से हां कह दिया। रेडियो में आरजे का काम करने पर उन्हें 25 रुपए सैलरी मिलती थी। बताया जाता है कि रेडियो में काम करते हुए उन्होंने एक बार एक्ट्रेस नरगिस का भी इंटरव्यू लिया था। तब शायद वह नहीं जानते थे कि वह आने वाले समय में उनकी पत्नी बनने वाली हैं।

डाकू के किरदार ने दिलाई खूब लोकप्रियता

रेडियो और थिएटर में काम करते हुए सुनील दत्त का रुझान बॉलीवुड की तरफ होने लगा। साल 1955 में आई फिल्म रेलवे प्लेटफॉर्म से उन्होंने अपना बॉलीवुड डेब्यू किया। इस फिल्म से उन्होंने सिनेमा जगत में कदम तो रख लिया था, लेकिन असली पहचान उन्हें फिल्म 'मदर इंडिया' से मिली। इस फिल्म में वह नरगिस के बेटे बने थे। वहीं साल 1963 में 'मुझे जीने दो' फिल्म में वह डाकू के रोल में दिखाई दिए थे। सुनील दत्त को डाकू के किरदार में देखकर सभी ने उनकी एक्टिंग की खूब तारीफ की थी।