16 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

प्रकृति की तबाही हमारी सोच से बड़ी होगी

धरती को ‘हॉटहाउस कहा है जिसमें आंधी तूफान, बाढ़, सूखा और जानलेवा गर्म हवा का जिक्र है। वायु प्रदूषण से हर साल लाखों लोगों की मौत हो रही है और हम रोज हो रही हानि के बीच जी रहे हैं।

2 min read
Google source verification
books, pollution, environment, air pollutuon, problem

प्रकृति की तबाही हमारी सोच से बड़ी होगी

धरती को ‘हॉटहाउस कहा है जिसमें आंधी तूफान, बाढ़, सूखा और जानलेवा गर्म हवा का जिक्र है। वायु प्रदूषण से हर साल लाखों लोगों की मौत हो रही है और हम रोज हो रही हानि के बीच जी रहे हैं।

डेविड वैलेस वेल्स ने अपनी किताब ‘द अनहिहैबिटेबल: लाइफ ऑफ्टर वार्मिंग’ में जलवायु परिवर्तन से हो रहे नुकसान के बारे में लिखा है। वे स्पष्ट लिखते हैं कि मौसम वैज्ञानिकों को ग्लोबल वार्मिंग के मुद्दे पर धैर्य रखना चाहिए और लोगों को इससे होने वाले भविष्य के खतरों के बारे में चिंतन करना चाहिए।

किताब में स्पष्ट किया है कि भविष्य में जिस तरह से तापमान में बदलाव होगा वे मौसम विज्ञान के साथ पूरी दुनिया को अचंभित करेगा। वैज्ञानिक बिल मैकिबेन ने तीस साल पहले लिख दिया था कि ‘प्रकृति खत्म हो जाएगी’। ये बात अब हकीकत हो गई है और हालात उससे भी खराब हो चुके हैं जितना उस वक्त कल्पना की गई थी। वैलेस ने लिखा है कि इन 30 सालों में हमने कार्बन उत्सर्जन और धुएं से होने वाले प्रदूषण को दागुना कर दिया है। जिस रास्ते हम चल रहे हैं और जहां जा रह रहे हैं वे किसी को भी डराने के लिए काफी है। इसमें कुछ नया या बहुत अधिक सोच विचार करने वाला नहीं है।

हम जहां जा रह रहे हैं वहां बाढ़, आगजनी, जानलेवा बीमारियां, प्रदूषित हवा और जल ने मानव जीवन को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। प्रकृति के साथ अन्याय हमारे लिए अच्छा नहीं है। ‘वे तबाही मचाएगी, बाढ़ और भूस्खलन से अपने ऊपर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ’ लड़ाई लड़ेगी। भविष्य में दुनिया को पर्यावरण युद्ध से गुजरना होगा और प्रकृति दोस्त की बजाए दुश्मन बन जाएगी। पर्यावरण में होने वाले बदलाव को रोकने के लिए हमारे पास कोई ऑन-ऑफ स्विच नहीं है जिसे एक तय तापमान पर रोका जा सकता है। ये तभी संभव है जब हम पर्यावरण के प्रति जागरूक होंगे और कार्बन उत्सर्जन को रोकने का काम करेंगे और इसमें सबका साथ जरूरी है।

फ्रेड पियर्स, पुस्तक विश्लेषक वाशिंगटन पोस्ट