
बुलंदशहर हिंसा: योगी की पुलिस ने किया ऐसा कारनामा कि खूंखारों को मिली कोर्ट से राहत
बुलंदशहर. 3 दिसंबर को स्याना गोकशी हिंसा मामले में पुलिस ने कथित रूप से कड़ी कार्रवाई की थी। मगर कोर्ट में पेश की गई चार्जशीट में बड़ी लापरवाही सामने आई है। इसका नतीजा यह हुआ कि कोर्ट ने सुनवाई के दौरान तीन और आरोपियों की चार्ज सीट से 124a यानी देशद्रोह की धारा को हटा दिया गया है।
पिछले साल 3 दिसंबर को बुलन्दशहर के स्याना में हुई हिंसा के मामले में जहां मार्च माह में हिंसा के 38 आरोपियों से चाव पक्ष की दलील सुनने के बाद देशद्रोह की धारा को हटा दिया गया था। इसके बाद सीओ स्याना ने सीजेएम कोर्ट में आरोप-पत्र लगाया। इस कड़ी में एसीजे (सीनियर डिवीजन ) राहुल कुमार की कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई तो यहां भी बचाव पक्ष के अधिवक्ता की दलील सुनने के बाद तीनों आरोपियों कलुआ, नितिन और राजकुमार से भी देशद्रोह की धारा को हटा दिया गया।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता संजय शर्मा का कहना था कि पुलिस के पास पर्याप्त समय था और देशद्रोह की धारा के लिए प्रदेश सरकार की अनुमति आवश्यक होती है, लेकिन पुलिस ने उसके बावजूद भी प्रदेश सरकार से इस संबंध में कोई अनुमति नहीं मांगी। यह दलील सुनने के बाद एसीजे डिवीजन राहुल कुमार की कोर्ट में सुनवाई हुई और उन्होंने तीनों आरोपियों के ऊपर से देशद्रोह की धारा को हटा दिया। अब तक जितने भी आरोपी पकड़े गए हैं, उन सभी पर धारा 147, 148 ,149, 332, 333, 53, 336, 341, 307, 427, 436 आईपीसी और धारा 7 क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट 3/4 सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत है।
Published on:
14 May 2019 09:36 am
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