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चोटी रखने के कारण स्कूल प्रशासन ने छात्र को बाहर निकाला, स्कूल प्रिसिंपल ने पिता से क्या कहा?

बुलंदशहर के एक इंटर कॉलेज में सामने आए विवाद ने शिक्षा जगत में हलचल मचा दी है। आरोप है कि नौवीं कक्षा के एक छात्र को धार्मिक प्रतीक ‘चोटी’ रखने के कारण कक्षा से बाहर कर दिया गया।

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छात्र के पिता ने इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिससे मामला चर्चा का विषय बन गया है। हालांकि, कॉलेज प्रशासन ने इन सभी आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया है।

चोटी रखने के कारण बाहर निकाला

यह घटना जहांगीराबाद क्षेत्र स्थित एक इंटर कॉलेज की है। मंगलवार को सोशल मीडिया एक खबर वायरल हुई। इसमें छात्र के परिजन आरोप लगाते नजर आ रहे हैं कि उनके बेटे को चोटी रखने के कारण कक्षा से बाहर निकाल दिया गयाऔर परिजन स्कूल के प्रधानाचार्य से शिकायत करते दिखे, जबकि प्रधानाचार्य उन्हें समझाते हुए नजर आ रहे हैं।

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कॉलेज के प्रधानाचार्य ने क्या कहा?

इस विवाद पर कॉलेज के प्रधानाचार्य ने स्पष्ट किया कि छात्र को चोटी रखने के कारण स्कूल से नहीं निकाला गया है। उन्होंने कहा कि छात्र शैक्षणिक प्रदर्शन में असफल रहा है और नौवीं कक्षा में फेल हो गया है। ऐसे में परिजन अब छात्र को पास कराने के लिए दबाव बनाने हेतु झूठे आरोप गढ़ रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे स्वयं सनातन संस्कृति के अनुयायी हैं और किसी भी धार्मिक प्रतीक का अनादर नहीं करते। इसलिए उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप निराधार और भ्रामक हैं।

प्रधानाचार्य का यह भी कहना है कि स्कूल में सभी छात्रों को समान रूप से सम्मान और अवसर दिया जाता है, और विद्यालय में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाता। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार के आरोपों से स्कूल की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।

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हालांकि, यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो जाने के कारण क्षेत्र में लोगों की भावनाएं भी प्रभावित हो रही हैं। अभी तक इस पूरे मामले पर शिक्षा विभाग की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। फिलहाल, जांच और तथ्यों की पुष्टि के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि सच्चाई क्या है। लेकिन इतना तय है कि इस तरह की घटनाएं समाज में संवाद और संवेदनशीलता की आवश्यकता को जरूर उजागर करती हैं।


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