शहर की मुख्य सड़क पर बना अस्पताल भवन काफी पुराना होने से जीर्णशीर्ण हो रहा है। अस्पताल भवन की जर्जर हालत होने से इस पर दूसरी मंजिल बनाया जाना उचित नहीं है।वही अस्पताल में जगह का अभाव होने से पार्किंग की व्यवस्था नहीं है और अस्पताल परिसर में रोगियों, तीमारदारों के वाहन खड़े होने से रोगियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।कई बार एबुलेंस को अस्पताल में आने जाने की जगह तक नहीं मिलती है। अस्पताल के सामने मुख्य सड़क पर आये दिन जाम के हालात बन जाते हैं।
अस्पताल के पीछे सीपेज ड्रेन होने और अस्पताल परिसर काफी नीचा होने से बरसात के दौरान परिसर में घुटनों तक पानी भर जाता है। यहां तक की बरसाती पानी भरने से लाखों की एक्सरे मशीन सहित कई महंगे उपकरण खराब हो चुके हैं।अस्पताल की छत टपकने से भी रोगी वार्ड सहित पूरे परिसर में बरसाती पानी भर जाता है और हालात खराब होने से अस्पताल स्टाफ सहित रोगियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
शहरवासियों का कहना है कि बीते चार दशकों में अस्पताल आने वाले रोगियों की संया बढ़ कर चार गुना हो गई है। पहले आउटडोर में दो सौ रोगी आते थे, वहीं अब आउटडोर में छह सौ से आठ सौ रोगी प्रतिदिन पहुंचते है। अस्पताल में जांच के लिए उपकरण है, लेकिन उनको रखने की उचित व्यवस्था नहीं है वहीं बेड बढ़ने से रोगी वार्ड भी बढ़ाए जाने है। ऐसे में नया अस्पताल भवन होना चाहिए और इसके लिए आठ से दस बीघा जमीन होनी चाहिए।
शहरवासियों का कहना है कि कापरेन अस्पताल भवन मेगा हाइवे के आसपास होना चाहिए, जिससे सड़क दुर्घटनाग्रस्त गभीर रोगियों को तुरंत उपचार मिल सके और रेफर करने पर अतिशीघ्र कोटा भी पहुंच सके।शहरवासियों ने नए अस्पताल भवन के लिए शीघ्र जगह चिन्हित कर आवंटित करवाने की मांग की है।
शहर में नया अस्पताल भवन निर्माण के लिए विभिन्न समाजिक संगठनों के पदाधिकारियों, समाजसेवी लोगो ने कोटा पहुंच कर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की और शहर में मेगा हाइवे के आसपास ही आगामी समय की आवश्यकताओ देखते हुए नगरपालिका की सिवायचक भूमि चिन्हित कर अस्पताल के लिए जगह उपलब्ध करवाने की मांग की है। साथ ही पुराने अस्पताल भवन का उपयोग सिटी अस्पताल के रूप में जारी रखने की मांग की है, जिससे रोगियों को समय पर उपचार मिल सके।